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बाल श्रम एक सामाजिक कुप्रथा है, इसे रोकना बहुत जरुरी: मण्डलायुक्त

ByNeeraj sahu

Aug 28, 2025
बाल श्रम एक सामाजिक कुप्रथा है, इसे रोकना बहुत जरुरी: मण्डलायुक्त*
*आगामी 26 जनवरी 2026 तक झांसी मण्डल को बाल श्रम मुक्त बनाना हम सबकी जिम्मेदारी*
*बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन हेतु अंतर विभागीय समन्वय सबसे महत्वपूर्ण कार्य*
*शिक्षा विभाग अगले 15 दिन में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का डाटा उपलब्ध करायें*
*बाल श्रम के विरुद्ध जागरुकता अभियान में मीडिया का सहयोग महत्वपूर्ण*
*हर नागरिक का दायित्व हैं कि वह बाल श्रम रोकने में अपना योगदान करें*
*प्रत्येक औद्योगिक प्रतिष्ठान, रेस्टोरेंट, दुकानदारों को स्टीकर लगाना होगा कि उनके यहां कोई बाल मजदूर कार्यरत नहीं हैं*
*झाँसी मंडल में बाल श्रम के विरुद्ध एक सशक्त संदेश और संचार अभियान चलाया जाना चाहिए*
*बाल श्रम मुक्त करने हेतु मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कमिश्नरी में सम्पन्न*
       झांसी: मण्डलायुक्त श्री बिमल कुमार दुबे की अध्यक्षता में श्रम विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन के लिए तैयार राज्य कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु झांसी मंडल में एक दिवसीय बहु हितधारक मण्डलीय कार्यशाला का आयोजन आयुक्त सभागार में किया गया। कार्यशाला में झाँसी, जालौन व ललितपुर जिलों से आये विभिन्न अधिकारियों द्वारा झाँसी मण्डल को बाल श्रम मुक्त करने हेतु कार्ययोजना तैयार की गई।
         मण्डलायुक्त ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक कुप्रथा है, इसे रोकना बहुत जरुरी हैं। उन्होने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन हेतु अंतर विभागीय समन्वय सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होने कहा कि विभिन्न विभागों के मध्य बहुत अच्छा समन्वय होना चाहिए।
          मण्डलायुक्त ने कहा कि आगामी 26 जनवरी 2026 तक झांसी मण्डल को बाल श्रम मुक्त बनाना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होने सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया कि इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे आगामी 26 जनवरी 2026 तक झांसी मण्डल को बाल श्रम मुक्त किया जा सके, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दास्त नहीं की जायेगी।
           मण्डलायुक्त ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिये कि अगले 15 दिन में स्कूल छोड़ने वाले प्रत्येक स्तर पर बच्चों का डाटा उपलब्ध करायें। उन्होने कहा कि आज के तकनीकी युग में बच्चों के साथ उनके परिवार के ट्रैकिंग करना भी बहुत आसान है, इससे यह भी आसान होगा कि यदि परिवार अन्यत्र जगह शिफ्ट हो गया तो वहां पर बच्चे स्कूल जा रहे अथवा नहीं। इसके लिए हर नागरिक का दायित्व हैं कि वह बाल श्रम रोकने में अपना योगदान करें।
          मण्डलायुक्त ने कहा कि झांसी मण्डल को बाल श्रम मुक्त करने के लिए प्रत्येक औद्योगिक प्रतिष्ठान, रेस्टोरेंट, कार्यस्थल एवं दुकानदारों को स्टीकर लगाना होगा कि उनके यहां कोई बाल मजदूर कार्यरत नहीं हैं। इस कार्य के लिए सम्बन्धित विभागों की जिम्मेदारी है कि वह अपना दायित्व निभायें। उन्होने कहा कि बाल श्रम के विरुद्ध जागरुकता अभियान में मीडिया का सहयोग महत्वपूर्ण है।
        मण्डलायुक्त ने श्रम विभाग को निर्देश दिये कि श्रमिक पोर्टल पर श्रमिकों के पंजीकरण की संख्या बढ़ाना बहुत जरुरी है, इसके लिए विभिन्न विभागों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की जरुरत है। उन्होने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी, बाल श्रम मुक्त कराने हेतु सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उपेक्षित मासूम बच्चों को इनके बचपन का अधिकार दिलाने एवं इनके विकास उन्नयन हेतु सभी का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है।
          मण्डलायुक्त श्री विमल कुमार दुबे ने कहा कि आज मानव एवं बाल तस्करी एक गम्भीर समस्या है जो हम सभी को प्रभावित कर रही है और तस्करी के सभी स्रोतों और रूपों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि झाँसी मंडल में बाल श्रम के विरुद्ध एक सशक्त संदेश और संचार अभियान चलाया जाना चाहिए, जिसे श्रम और विभिन्न विभागों सहित सूचना विभाग द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे 15 दिनों के भीतर सभी ड्रॉप आउट बच्चों का अध्ययन करें और कोई भी बच्चा बाल श्रम में लिप्त न रहे।
          उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि झांसी सम्भाग से बाल श्रम की बुराई को समाप्त करने के लिए उद्योग एवं व्यापार मंडल एसोसिएशन की गहन एवं नियमित भागीदारी होनी चाहिए तथा प्रत्येक उद्योग, होटल एवं व्यवसायिक उद्यम से यह स्व-घोषणा प्राप्त करना अनिवार्य किया जाना चाहिए कि व्यवसायिक इकाई में बाल श्रम का कोई नियोजन या नियोजन नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यावसायिक क्षेत्रों और क्षेत्रों में बाल श्रम की घटनाओं की सूचना देने के लिए विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों को उजागर और प्रकाशित करने के भी निर्देश दिए, जिससे अंततः बाल श्रम की घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने सभी संबंधित सरकारी विभागों और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे बाल श्रम से संबंधित सूचनाओं का नियमित रूप से एक स्प्रेडशीट के माध्यम से आदान-प्रदान करें, जिसकी निगरानी संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा की जाएगी।
          मंडलायुक्त ने सभी सरकारी अधिकारियों से बाल श्रम उन्मूलन के लिए अपने नियमित कार्य और कर्तव्यों से आगे बढ़कर बाल श्रम मुक्त उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी अधिकारियों और हितधारकों से उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के स्वप्न के अनुरूप, 26 जनवरी 2026 तक झाँसी मंडल को बाल श्रम मुक्त घोषित करने का आह्वान किया।
          वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान की पूर्व वरिष्ठ फेलो और परामर्श के लिए नियुक्त विशेषज्ञ डॉ. हेलेन आर. सेकर ने परामर्श के दौरान बाल श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की। उन्होंने राष्ट्रीय बाल श्रम नीति 1987 जैसे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और सम्मेलनों का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों, जैसे पीतल, ताला, कालीन, कांच कारखानों में बाल श्रम की सघनता पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बाल श्रम के आंकड़ों और रुझानों के साथ-साथ बाल श्रम के विरुद्ध संवैधानिक और कानूनी ढाँचे पर भी प्रकाश डाला। इसी प्रकार, परामर्श के दौरान विभिन्न उद्योगों में कार्यरत बाल श्रमिकों के स्वास्थ्य पर बाल श्रम के विभिन्न दुष्प्रभावों और परिणामों पर भी प्रकाश डाला गया।
         राज्य समन्वयक श्री रिजवान अली ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य है कि बाल श्रम के सम्भागीय और जिला स्तरीय रुझानों को समझना और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और कमजोर क्षेत्रों की पहचान करना अंतिम छोर तक सेवा प्रदान करने में प्रमुख कमियों की पहचान करना और जोखिम वाले बच्चों तक पहुंच को मजबूत करने के लिए कार्रवाई योग्य कदम सुझाना पुनर्वास और रोकथाम के लिए कानूनों, योजनाओं और संरक्षण तंत्रों के प्रभावी उपयोग सहित उन पर स्पष्टता प्राप्त करनाय संबंधित विभागों, सीडब्ल्यूसी, गैर सरकारी संगठनों और उद्योग प्रतिनिधियों के बीच सहयोगात्मक कार्य योजनाओं को स्थापित करना या मजबूत करना और जिलों से अच्छी प्रथाओं और नवाचारों को दस्तावेजित करना और साझा करना ताकि उन्हें आपस में सीखा जा सके और उनका अनुकरण किया जा सके।
        उप श्रमायुक्त किरण मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रतिभागियों को कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
        कार्यशाला के दौरान जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, प्रधानाचार्य आईटीआई एस.के. श्रीवास्तव, सहायक निदेशक सूचना सुरजीत सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव, सहायक श्रमायुक्त दीपिका वर्मा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी, जावेद अंसारी, परीक्षित सेठ और प्रीतेश तिवारी, यूनिसेफ सलाहकार सहित झांसी, ललितपुर व जालौन जनपदों के विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया।
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