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*एन.जी.टी. के नियमों के विपरीत धशान नदी की जलधारा को रोक कर माफियाओं द्वारा किया जा रहा अबैध खनन*

ByNeeraj sahu

Dec 6, 2024

 

एन.जी.टी. के नियमों के विपरीत धशान नदी की जलधारा को रोक कर माफियाओं द्वारा किया जा रहा अबैध खनन

गरौठा झॉसी ।। आज दिनांक-06.12.2024 को संयुक्त मीडिया क्लब के पत्रकारों ने उपजिलाधिकारी अवनीश कुमार तिवारी को अबैध खनन के सम्बन्ध में सौंपा ज्ञापन ग्राम मोथीकटरा में चल रहे अबैध खनन व खनन माफियाओं द्वारा एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर बिना ओटीपी व बिना रॉयल्टी के बालू की चोरी कर अपनी तिजोरी भरने मंे लगे हुए हैं और इन्हे रोकने बाला कोई नहीं है क्योंकि इनके तार बड़े बड़े राजनेताओं से जुड़े हैं अगर पत्रकार घाट पर कवरेज करने के लिए जाते हैं तो बालू माफिया असलहों के दम पर पत्रकारो को धमकाते हैं व झूठे मुक़दमे मे फसा देने की धमकी देते हैं। वहीं बालू माफियों ने उक्त पट्टे वाली भूमि की चारों ओर से किलाबंदी कर दी है जिससे न तो उक्त जगह पर पत्रकार जा सकते हैं न कोई ग्रामीण जा सकता है इस घाट का पट्टा गरौठा झांसी धसान नदी मोथीकटरा घाट पांच वर्षाे के लिए सजीव गुप्ता डेस्कन बिलटच प्रा0 लि0, कानपुर का हुआ है इनके साथ सुशील कुमार गुप्ता गुरसरॉय व रजक कुमार गुप्ता आदि शामिल हैं लेकिन उक्त ब्यक्तियों द्वारा बालू खनन पट्टा से सम्बन्धित भूमि को सीमांकित भी नहीं किया गया है धशान नदी के गाटा संख्या 1419 रखवा नंबर 24 /000 हैकटेयर खंण्ड एक से धषान नदी का सीना चीरकर बालू का खनन कार्य बड़ी-बड़ी पोक लैंड मशीनों से किया जा रहा है जबकि एनजीटी की नियमावली के अनुसार पोकलैन्ड मषीनों से खनन करना नियम के विरूद्व है तथा एनजीटी के नियमानुसार 2 या 3 मी0 से ज्यादा गहराई में खनन नहीं कर सकते हैं एवं एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर राजस्व को करोंड़ों रूपये की क्षति पहुंचाई जा रही है रास्तों में पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है जिससे जनसमान्य व वन सम्पत्ति वनस्पतियों को भी प्रभावित किया जा रहा है तथा स्कूल जाने वाले नौनिहालों को जान का खतरा बना रहता है तथा धूल एवं डस्ट से उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। वहीं धसान नदी के गाटा संख्या 109 से झाकड़ खंण्डा पत्थर, बोल्डर सीमेंट की बोरियों में बालू भरकर नदी की जलधारा को प्रभावित कर दिया है बालू की तोल के लिए जिला हमीरपुर के मौजा कुचेछा तहसील राठ की सीमा में भूमि संख्या 106 पर कांटा स्थापित किया गया है जबकि पट्टा जनपद झांसी का है उक्त भूमि वन विभाग की है वन एवं पर्यावरण की नियमावली के अनुसार वन भूमि में 500 मीटर के अंदर खनन तोल कांटा वाहनों के रुकने का कोई प्रावधान भी नहीं है सरकारी वन भूमि के नंबर 543 /104व1271 वन विभाग की भूमि से हरे भरे वृक्ष काटकर रास्ता बना ली है जिससे पर्यावरण को क्षति पहुंचाना एवं क्षेत्रीय किसानांे की भूमि संख्या 1274 श्रीपत व राम सिंह के खेत से रास्ता बनाकर जबरदस्ती बालू से भरे ट्रैकों को निकाला जा रहा है वहीं पर लोगों द्वारा जानकारी मिल रही है कि बिना ओटीपी के घाट चल रहा है व बिना रॉयल्टी के अवैध रूप से बालू भरकर बाहर ट्रैकों द्वारा भेजी जा रही है इससे राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है तथा ओवरलोड ट्रैकों को निकाला एनआर में निकाला जा रहा है वहीं पर खनिज अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिला में बैठे बड़े खनिज अधिकारी की आँखों मे काली पट्टी बंधी हुई है जैसे इन्हे कुछ पता ही न हो खनिज विभाग भी इस काले कारनामे में पूरी तरह संलिप्त है खनिज विभाग की गाइडलाइंस की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है फिर भी खनिज विभाग का मौन बैठना कहीं न कहीं उनकी लापरवाही को दर्शता नजर आ रहा वहीं पत्रकारों व क्षेत्रवासियों ने जिले के उच्च अधिकारियों से मोती कटरा बालू घाट की जांच करके नियम के विपरीत खनन कर रहे माफियाओं के विरूद्व कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

रिपोर्ट ग्रामीण एडिटर कृष्ण कुमार 

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