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131022नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी/ तकनीकों की जानकारी कृषकों को खेतों पर ही उपलब्ध कराए जाने के निर्देश

ByNeeraj sahu

Oct 24, 2024

** वर्ष 2021-22 में बनाए गए खेत तालाब योजना अंतर्गत खेत तालाब का होगा सत्यापन, खंड विकास अधिकारीयों को तत्काल सूची उपलब्ध कराने के निर्देश

** नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी/ तकनीकों की जानकारी कृषकों को खेतों पर ही उपलब्ध कराए जाने के निर्देश

** बुंदेलखंड को आर्थिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाए जाने हेतु गो आधारित प्राकृतिक खेती को पुर्नजीवित करने के निर्देश

** किसानों को औषधि खेती की ओर ले जाने के प्रयासों में तेजी लाएं ताकि उनकी आय दोगुनी हो

** किसान तुलसी,मशरूम की खेती को अपनायें, उद्यान विभाग द्वारा योजनांतर्गत अनुदान का लाभ प्राप्त होगा

** प्रत्येक गांव में कृषि विभाग तैयार करेगा वॉल,जिसमें कृषि विभाग सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं की मिलेगी किसानों को जानकारी

** वैज्ञानिकों के प्रदर्शन को किसानों के खेत तक पहुंचाएं

‘‘नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नोलॉजी’’ के शासी निकाय एवं ’’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’’ की जिला क्रियान्वयन समिति की बैठक जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन, सभागार झॉसी में आयोजित की गयी।
विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि शासन ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम किसानों को आधुनिक तकनीकी की जानकारी देते हुए उन्हें खेती कार्य में आय बढ़ाने के लिए सहयोग करें। उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत किसानों का प्रशिक्षण, उनको योजनाओं की जानकारी दी जानी है, इसके साथ ही किसानों की क्षमता विकास के अंतर्गत किसानों को विभिन्न विश्वविद्यालयों में भ्रमण,मेला आदि आयोजन के माध्यम से उन्हें नई-नई तकनीकी की जानकारी भी उपलब्ध कराई जानी है।उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों को आगे लाया जाए जो जानकारियां प्राप्त करने के बाद अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी उक्त जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि उनका भी कृषि क्षेत्र में विकास हो सके।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा शासी निकाय की बैठक में कहा कि कृषकों को योजना का लाभ अधिक से अधिक मिले, उन्होंने कहा कि वृहद कार्ययोजना बनाकर योजनाओं में कार्य कराया जाये साथ ही खेत तालाब योजना, एन0एम0एस0ए0 योजना एवं शासन द्वारा चलायी जाने वाली अन्य नयी योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये, उन्होंने जनपद में चयनित अग्रणी कृषकों, एन0जी0ओ0 एवं कृषि संगठनों की सहायता लिए जाने का सुझाव दिया।
उन्होने कहा की पारंपरिक खेती के साथ ही किसानों को नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी/तकनीकों के बारे में जागरूक, ज्ञानवर्धन तथा समुचित उपयोग हेतु प्रशिक्षण प्रदान कराया जाये और किसानों के क्षमता विकास हेतु कृषि विश्वविद्यालय, के0वी0के0 एवं अन्य संस्थानों में भ्रमण, किसान मेला/गोष्ठी आदि के आयोजन के माध्यम से उन्हें नई-नई तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
बैठक में जिलाधिकारी ने कृषकों को मृदा स्वास्थ्य में सुधार करने के उद्देश्य से जीवांश कार्बन को बढ़ाने, पर्यावरण संतुलन को कायम रखते हुए कम लागत वाली कृषि तकनीकी अपनाकर खेती करने, रसायन-कीटनाशक पेस्टीसाइड मुक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन करने हेतु प्राकृतिक खेती की जाये जिसके लिये शासन स्तर द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती को पुर्नजीवित कर प्रदेश में विशेेष रूप से बुन्देलखण्ड के जनपदो को आर्थिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा पंचवर्षीय क्लस्टर आधारित गौ आधरित प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना तैयार करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। जनपद में संचालित परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत पूर्व में गठित 80 क्लस्टरों एवं नवगठित 40 क्लस्टरों के सफल संचालन हेतु कृषकों को रासायनिक खेती पद्धति से पर्यावरणीय क्षति होने के कारण रसायनों पर निर्भरता कम करते हुये जैव पौध पोषण को प्राथमिकता के सम्बन्ध में जागरुक किया जाये एवं दलहन एवं तिलहन के क्षेत्र में वृद्धि किए जाने के निर्देश दिए।
विकास भवन में आयोजित “नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी” एवं “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन” योजना अंतर्गत आयोजित शासी निकाय की बैठक में उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में एकल विंडो के माध्यम से किसान को जानकारियों के साथ उनकी समस्याओं का भी निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में एक वॉल का निर्माण कराया जाएगा,जिसमें कृषि विभाग की योजनाओं के साथ ही विभिन्न विभागों की लाभकारी योजनाओं की जानकारी चस्पा की जाएगी। बैठक में उन्होंने किसानों को तुलसी,स्ट्रॉबेरी, एप्पल बेर की खेती में आगे आने की लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए और कहा कि उद्यान विभाग द्वारा इनकी खेती में अनुदान का लाभ उठाएं।
विकास भवन में आयोजित बैठक में नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नोलॉजी’’ के अन्तर्गत सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना की डी0एफ0ए0सी0 एवं शासी निकाय, ’’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’’ की जिला क्रियान्वयन समिति एवं जिला तकनीकी समिति, ‘‘पराम्परागत कृषि विकास योजना’’ की जिला मिशन समिति, ‘‘प्राकृतिक खेती योजना’’ की को-ऑर्डिनेशन कमेटी, ‘‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्षा जल संचयन हेतु खेत तालाब, नाबार्ड सहायतित इंटीग्रेटेड रेनवाटर मैनेजमेंट योजना तथा वाटर हार्वेस्टिग बण्ड (डब्लू0एच0बी0) और मल्टी परपज फार्म के निर्माण की योजना’’ की पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना वर्ष 2022-23 की जिला कृषि कार्य योजना एवं अग्रणी कृषकों, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (कृषि यंत्रीकरण) योजना, प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्री जंगक्शन) योजना, गौ आधारित प्राकृतिक खेती योजना एवं योजनान्तर्ग 40 क्लस्टर हेतु चैम्पियन फार्मर एवं रिसोर्स पर्सन, परम्परागत कृृषि विकास योजना वर्ष 2021-22 में स्वीकृत 40 क्लस्टर (2000 एकड़ अथवा 800 हे0 क्षेत्रफल), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिचांई योजना (पी0एम0के0एस0वाई), राष्ट्रीय कृषि सतत् मिशन योजना (एन0एम0एस0ए0), पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृध्द्वि योजनान्तर्गत परियोजना, बुन्देलखण्ड पैकेज के वाटर हार्वेस्टिग बण्ड (डब्ल्यू0एच0बी0) एवं मल्टीपरपज फार्म पाण्ड, आर आई डी एफ-28 (नावार्ड सहायतित इंटीग्रेटेड रेनवाटर मैनेजमेन्ट) एवं कार्पस फण्ड योजना का वर्ष 2022-23 हेतु सफल क्रियान्वयन हेतु चर्चा एवं रणनीति तैयार कराते हुये सर्वसम्मिति से अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक में राजपाल बुंदेला ग्राम उजयान ने जिलाधिकारी से अनुरोध करते हुए कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुसार ही बीज उपलब्ध कराएं जाएं ताकि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो। इसके अतिरिक्त उन्होंने गेहूं की ऐसी प्रजाति की मिनी किट उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया जिनकी बुवाई देर से की जा सकती है ताकि धान की कटाई के बाद बुराई की जा सके।
बैठक का संचालन उप कृषि निदेशक महेंद्र पाल सिंह ने किया।
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य प्रतिपाल सिंह मऊरानीपुर सहित मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, सीएमओ डॉक्टर सुधाकर पांडेय, जिला कृषि अधिकारी के के सिंह, श्याम बिहारी गुप्ता, विषय विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा, बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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