झांसी : जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने सूचित किया है कि खरीफ फसलों में लगने वाले सामयिक कीट, रोग एवं खरपतवार से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
धान में खरपतवार के नियंत्रण हेतु विसपाइरीबैक सोडियम 10 प्रतिशत एस0सी0 0.20 लीटर रोपाई के 15-20 दिन बाद प्रति हैक्टेयर की दर से नमी की स्थिति मे लगभ्ग 500 लीटर पानी मे घोलकर छिडकाव करना चाहिए। ब्यूटाक्लोर 50 प्रतिशत ई0सी0 3-4 ली मात्रा प्रति है0 की दर से 500 ली0 पानी मे घोलकर छिडकाव करना चाहिए। प्रीटाक्लोरक्लोर 50 प्रतिशत ई0सी0 1.60 ली मात्रा प्रति है0 की दर से 500 ली0 पानी मे घोलकर छिडकाव करना चाहिए।
मक्का/ज्वार/बाजरा में खरपतवार नियंत्रण हेतु एट्राजिन 50 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 2 किग्रा0/है0 अथवा डयूरान 80 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 1.5-2.00 किग्रा0 मात्रा की दर से 500-700 ली0 पाली मे घोलकर छिडकाव करे।
मूंगफली की बुवाई के दो दिनो के अन्दर आक्सीफलोरोफेन 23.5 प्रतिशत ई0सी0 की 600 मिली0 मात्रा प्रति है0 की दर से 500-600 ली0 पानी मे घोलकर छिडकाव करना चाहिए। इमेजााथपर 10 प्रतिशत एस0एल0 की 1000 मिली मात्रा प्रति है0 की दर से 500-600 ली0 पानी मे घोलकर बुवाई के 10-15 दिनो पर छिडकाव करने से घास कुल एवं चैडी पत्ती वाले खरपतवार का नियंत्रण किया जा सकता है।
उर्द एवं मूंग में चैडी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार क नियंत्रण हेतु बुवाई के 10 दिनो बाद इमेजाथपर 10 प्रतिशत ई0सी0 की 750-1000 मिली0 मात्रा प्रति है0 की दर से 500-600 ली0 पानी मे घोलकर छिडकाव करना चाहिए।
गन्ना में चैडी पत्ती वाले घासवगीर्य एवं मौथावगीर्य खरपतवारो के नियंत्रण के लिए एट्राजीन 50 प्रतिशत डब्ल्यू0 पी0 1-4 किग्रा0 किग्रा0/है0 500-700 ली0 पानी के साथ प्रति है0 का घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए।
: जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने सूचित किया है -=-
