मोंठ ( झांसी)- ममता चाइल्ड हेल्थ लखनऊ टीम के द्वारा आशाओं को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में लखनऊ से आई टीम ने सीएचसी की आशा बहुओं को परिवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दी ।जिसमें बताया गया है कि सीएचसी के सभागार में एक आशाओं की बैठक ली गई। जिसकी अध्यक्षता सीएचसी अधीक्षक सुमित मिसुरिया ने की। जिसमें ममता चाइल्ड हेल्थ टीम में आए डॉक्टर राजीव गुप्ता और डॉक्टर सुष्मिता के द्वारा दर्जनों आशा बहुओं को जानकारी दी गई। जिसमें डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि कम उम्र की नवविवाहित जोड़ों को बच्चों में अधिक समय रखने के सुझाव दिए जाएं ।जिससे उनका परिवार का अच्छी तरह से लालन पालन हो सके ।तथा दंपत्ति का भी समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए ।एवं सरकार के द्वारा चल रही योजनाओं के बारे में उन्हें अधिक से अधिक जानकारी दी जाए ।सभी आशाए अपने अपने क्षेत्र में इसका प्रचार-प्रसार करें। वही डॉक्टर सुष्मिता ने बताया कि उन्नीसवीं शताब्दी के शुरुआत में जब पहली बार जनगणना हुई थी ।तो भारत की जनसंख्या २० करोड थी। कई दशकों तक यह उतनी ही बनी रही। क्योंकि जन्म और मृत्यु दर दोनों ही काफी ज्यादा रहे ।और एक-दूसरे को सन्तुलित करते रहते थे। परिवार नियोजन शुरू करने वाला भारत पहला देश था। परन्तु इसमें इसे खास सफलता नहीं मिली। यह सच है कि १९६० और १९७० के दशक में परिवार छोटे हो गए। यह कई कारणों से हुआ। परिवार नियोजन अभियान उनमें से एक था। परन्तु उसके बाद से सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों में काफी प्रयास हुए। और काफी पैसा लगाया ।इसके बावजूद परिवार का औसत आकार उतना ही बना हुआ है। सौभाग्य से हाल में हुए सर्वे से कई राज्यों में परिवार के औसत आकार में कमी आई है। अगर जन्म नियंत्रण की सुविधाएँ और ज्यादा उपलब्ध हों तो ।यह परिवार छोटे होने लगेंगे। हॉलाकि गरीबी जन्म नियंत्रण में रुकावट बनती है, मगर केरल, आ.प्र. और तमिलनाडू में गरीबी के बावजूद जन्म दर में कमी आई है। केरल की सफलता का कारण वहाँ की महिलाओं के समाज में बेहतर स्थान और उनका शिक्षा होना है। जिसमें डॉक्टर सुष्मिता ने बताया कि इन बिन्दुयो पर सभी आशाएं ध्यान दें ।और अपने अपने क्षेत्र में कम उम्र वाले जोड़ों को इन बातों को बता दिया जाए। जिसमें उन्होंने कहा कि आम लोगों को लड़कियों की शादी और बच्चे जनने की उम्र बढ़ाने की सलाह देना। गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर पोषण के लिए जागरूकता। उनके व उनके परिवारों के लिए सहायता और स्वस्थ बच्चे पर ज़ोर दिया जाना। गर्भपात की सुरक्षित सेवाएँ दूर-दूर तक उपलब्ध करवाना। गर्भ निरोधक उपलब्ध करवाना और बच्चों के बीच अन्तर पर खास ज़ोर देना। मध्यान्न भोजन, टीकाकरण की सुविधाएँ, ऑंगनवाड़ी और अन्य सुविधाएँ समय पर दी जाए इस मौके पर डॉ राजीव गुप्ता लखनऊ ,डॉक्टर सुष्मिता लखनऊ ,सीएचसी अधीक्षक सुमित मिसुरिया ,डॉ अमित निरंजन , डॉक्टर माता प्रसाद, डॉ चंदन सिंह,डॉक्टर मनीषा जैन, फार्मासिस्ट हरिशंकर यादव, अरविन्द्र यादव ,देवेंद्र सिंह सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।