मोतीकटरा में डिप्थीरिया (गलघोंटू) से मृतक हुए बच्चों की होगी जांच, डीएम ने की कमेटी गठित
** जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित पर होगी सख्त कार्रवाई, क्षेत्र में अभियान चलाकर टीकाकरण करने के दिए निर्देश
** उच्च अधिकारियों को सीएचसी, पीएचसी एंव सबसेंटर के निरीक्षण में जो कमियाँ मिलीं उन्हें तत्काल दूर करें :- जिलाधिकारी
** वीएचएसएनडी सत्र में शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण अनिवार्य, टीम बनाते हुए बच्चों को सत्र में बुलाना सुनिश्चित करें
** प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी के मरीजों को पोषण पोटली का किया वितरण :- जिलाधिकारी
** दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वेयरहाउस की होगी जांच, जिला स्तरीय अधिकारी को किया नामित
** ज़िला चिकित्सालय महिला/ पुरुष सहित समस्त शासकीय अस्पतालों में दवाओं की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश
आज कलेक्ट्रेट के नवीन सभागार में जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक संपन्न हुई। बैठक में डिप्थीरिया (गलघोंटू) से विकासखण्ड गुरसंराय के ग्राम मोती कटरा में 02 बच्चों के मृतक होने पर मेजर फेलियर बताते हुए टीम गठित कर जाँच के आदेश दिए।
बैठक में डब्ल्यू एच ओ से डॉ0 जूही गोयल ने के जिलाधिकारी श्री मिथुल चौधरी को बताया कि ब्लॉक गुरसराय के ग्राम मोती कटरा में 03 डिप्थीरिया केस पाए गए जिसमें 02 की मृत्यु हो चुकी है और एक का वर्तमान में इलाज जारी है।
जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए ब्लॉक गुरसराय के अधीक्षक महोदय डॉ0 ओपी राठौर को निर्देश दिए गए की उक्त आउट ब्रेक एरिया में 03 किलोमीटर के दायरे में सर्वे कराकर इस बीमारी से रोकथाम के लिए उचित उपाय कराए जाए,तत्पश्चात संदिग्ध केस मिलने पर गंभीरता से लेते हुए डब्ल्यू एच ओ कि डॉक्टर जूही गोयल को सूचित किया जाए।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित करने के एवं स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी साथ में जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसमें बच्चों को बुखार के साथ गले में दर्द, आवाज में बदलाव ,भारीपन और खाना निगलने में परेशानी, सांस लेने में तकलीफ गले में सूजन मुंह के अंदर झिल्ली जैसे लक्षण देखने को मिलते है, इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को जन्म के बाद से 6 हफ्ता, 10 हफ्ते और 14 हफ्ते ओर 16 महीने एवं 5 वर्ष, 10 वर्ष ,16 वर्ष पर नियमित सरकार द्वारा मुफ्त टीकाकरण उपलब्ध कराया जाता है, इसे संवेदनशील होकर सभी बच्चों को लगवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने सीएचसी/पीएचसी एवं सबसेंटर के निरीक्षण पर गए सीडीओ सहित समस्त एडीएम एवम् एसडीएम से जानकारी ली और निरीक्षण में जो कमियां पाई गई हैं उन्हें तत्काल सीएमओ सहित समस्त एमओआईसी को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर से और बेहतर बनाए जाने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध है, सभी का बेहतर उपयोग किया जाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में रूटीन इम्मयूनाइजेशन की समीक्षा करते हुए कड़े शब्दों में बच्चो को जन्म लेते ही बीसीजी टीका लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बबीना में 84.73, बड़ागाँव में 84.61, मऊरानीपुर में 86.93 एवं बामौर में 83.93 प्रतिशत बीजीसी टीका लगाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और शत प्रतिशत कीका कर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों में भी बच्चों को बीसीजी लगाया जाना है यदि बच्चों को बीसीजी नहीं लगाते हैं तो ऐसे प्राइवेट नर्सिंग होम/अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मरीजों को पोषण पोटली का वितरण किया। उन्होंने जनपद के समस्त शासकीय अधिकारी, शैक्षणिक संस्थान, जनप्रतिनिधि, व्यापारिक संगठन एवं एनजीओ के द्वारा गोद लिए जाने निर्देश दिए ताकि मरीज जहां एक ओर मनोबल बढ़ेगा वही इसके प्रति लोगों में जागरूकता भी होगी। उन्होंने प्रत्येक क्षय रोगी को पोषण आहार हेतु एक पोटली दिए जाने भी निर्देश दिए जिसमें मूँगफली, चना, गुड़,सत्तू, गजक,बॉर्नविटा आदि वस्तुएं शासन द्वारा निर्धारित की गई है। बैठक में जिलाधिकारी ने क्षय रोगियों को केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं से भी आच्छादित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद के विभिन्न एनजीओ को आगे आकर मरीजों को गोद लिए जाने की अपील करते हुए कि भारत को टीबी मुक्त भारत बनाया जा सके।
बैठक में जिलाधिकारी ने आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ ही दवाओं की उपलब्धता भी शत प्रतिशत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वेयर हाउस के औचक निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय अधिकारी को नामित किया और जिला पुरुष चिकित्सालय/ जिला महिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर में निर्धारित दवाओं के सापेक्ष शत प्रतिशत दवा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम, एंबुलेंस सेवा, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग नियंत्रण कार्यक्रम तथा वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की प्रगति और किए गए कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की।
बैठक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब सेन्टर के निरीक्षण पर गए अधिकारियों में मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद,अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री शिव प्रताप शुक्ल,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री वरुण कुमार पांडेय,अपर जिलाधिकारी न्याय श्री अरुण कुमार गौड़,अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे श्री योगेन्द्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट श्री प्रमोद झा सहित समस्त उपजिलाधिकारी उपस्थित रहे।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सुधाकर पांडेय,सीएमएस पुरुष डॉ0 पी के कटियार,सीएमएस महिला डॉ0 राजनारायण, सीएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ0 खुश्तर हैदर,एसीएमओ डा0एन के जैन, डॉ0 रवि शंकर, जीटीओ डॉ0 यू एन सिंह, उपजिला क्षयरोग अधिकारी डॉ0 अंशुमान तिवारी, डॉ0 जूही गोयल डब्ल्यूएचओ , डीएमसी श्री आदित्य जयसवाल,वीसीसीएम श्री गौरव वर्मा सहित समस्त एमओआईसी व अन्य चिकित्सक, विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।