मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय,लखनऊ: 30 अक्टूबर, 2020
उत्तर प्रदेश क े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद
द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
जनपद मीरजापुर मे ं विन्ध्यवासिनी मन्दिर (काॅरीडोर) परिक्रमा मार्ग
हेतु परियोजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने जनपद मीरजापुर में विन्ध्यवासिनी मन्दिर (काॅरीडोर) परिक्रमा
मार्ग बनाय े जाने हेतु परियोजना क े क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी
है। मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना की अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु निर्णय लिए जाने क े लिए
मुख्यमंत्री जी को अधिक ृत किया गया है।
जनपद मीरजापुर स्थित आदि शक्ति माँ विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर एक अत्यन्त
प्रसिद्ध श्रद्धा/आस्था का केन्द्र है। विन्ध्याचल स्थित मुख्य मन्दिर माँ विन्ध्यवासिनी
धाम क े चारो ं तरफ परम्परागत तौर पर श्रद्धालुआ ें द्वारा परिक्रमा की जाती है परन्तु
मन्दिर परिसर में परिक्रमा मार्ग सीमित एव ं संकरा होने क े कारण दुर्घटना की
सम्भावना बनी रहती है। विन्ध्यवासिनी मन्दिर (काॅरीडोर) परिक्रमा मार्ग बन जाने स े
पर्य टक सुविधाओ ं मे ं वृद्धि होगी तथा दुर्घटना की सम्भावना कम की जा सकेगी।
विन्ध्यवासिनी मन्दिर काॅरीडोर बनाए जाने हेतु विन्ध्यवासिनी मन्दिर के आस-पास
चारों ओर 50 फीट चैड़ाई वाला परिक्रमा पथ बनाया जाएगा।
विन्ध्यधाम गंगा नदी क े तट पर स्थित है जहां प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी
योजना अर्थ गंगा क े अन्तर्गत जलक्रीड़ा एव ं साहसिक पर्य टन की अपार सम्भावनाए ं
विद्यमान हैं। इसक े साथ ही साथ विन्ध्याचल क े समीप अनेक जल प्रपात यथा विन्डम
फाॅल, कुशेरा फाॅल, टाडा फाॅल आदि भी स्थित ह ंै, जहां पर ईको टूरिज्म की
अत्यधिक सम्भावनाएं विद्यमान हैं। विन्ध्यधाम में पर्य टन सुविधाओं क े विकास से यहां
पर विभिन्न श्रेणी क े पर्य टकों का आवागमन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार
सृजन के साथ-साथ पूंजी निवेश में भी वृद्धि होगी।
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‘जल जीवन मिशन’ के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्य क्षेत्र तथा
गुणता प्रभावित ग्रामो ं मे ं पेयजल योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने ‘जल जीवन मिशन’ क े अन्तर्गत प्रदेश क े बुन्देलखण्ड क्ष ेत्र, विन्ध्य
क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित ग्रामों में पेयजल योजना क े क्रियान्वयन क े सम्बन्ध में प्रस्त ुत
प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
बुन्देलखण्ड/विन्ध्य क्षेत्र विभिन्न जनपदों क े ग्रामों म ें पेयजल आपूर्ति ह ेतु
परियोजना क े निर्माण क े निमित्त कार्यदायी फर्माें क े माध्यम से आगणनों का विरचन
कराया गया। विरचित आगणनो ं की परियोजनाओं में से 200 करोड़ रुपय े से अधिक
लागत की 21 परियोजनाओं पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन पूर्व में प्राप्त किया जा चुका
है, जिनम ें अग्रेतर कार्यवाही गतिमान हैं।
सम्प्रति व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित 200 करोड ़ रुपय े स े अधिक लागत
की 03 अन्य परियोजनाओं को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्राप्त किया गया है। यह
परियोजनाएं जनपद जालौन क े विकासखण्ड कोंच एव ं डकोर स्थित सला ग्राम समूह
पाइप पेयजल योजना (व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 53479.40 लाख
रुपय े), जनपद सोनभद्र के विकासखण्ड घोरावल एव ं राबर्ट ्सगंज स्थित पटवध तथा
पटवध-2 ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना (व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत
86835.57 लाख रुपये) तथा जनपद सोनभद्र क े विकासखण्ड चोपन स्थित कदरा,
नेवारी एव ं हर्रा ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना (व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित
लागत 23198.95 लाख रुपय े) है। इन पाइप पेयजल योजनाओं से क्रमशः 225, 661
तथा 67 राजस्व ग्राम आच्छादित हा ेंग े।
जल जीवन मिशन क े अन्तर्गत प्रथमतः बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र की समस्त
आबादी तथा आर्स ेनिक/फ्लोराइड एव ं जापानी इंसेफ्लाइटिस (ज े0ई0)/एक्यूट
इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रा ेम (ए0ई0एस0) से ग्रस्त समस्त आबादी को चरणबद्ध रूप से शुद्ध
पाइप पेयजल परियोजना से आच्छादित किया जा रहा है।
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विश्व बैंक सहायतित उ0प्र0 प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना
के सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने विश्व बैंक सहायतित उ0प्र0 प्रो-पुअर पर्य टन विकास परियोजना
क े सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना में अग्रेतर संशोधन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया
गया है।
उ0प्र0 प्रो-पुअर पर्य टन विकास परियोजना कुल 57.14 मिलियन यू0एस0 डाॅलर
(371.43 करोड़ रुपय े) से संचालित की जाएगी, जिसमें 70 प्रतिशत विश्व बैंक द्वारा
एव ं 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
आगरा एव ं मथुरा क े कार्याें (कुल 167 करोड़ रुपय े) क े स्थान पर सारनाथ एव ं
कुशीनगर में नय े कार्याें को कराया जाएगा। सारनाथ क े कार्याें को वाराणसी विकास
प्राधिकरण क े द्वारा तथा कुशीनगर क े कार्यांे को गोरखपुर विकास प्राधिकरण क े द्वारा
कराये जाने हेतु उन्हें कार्यदायी संस्था नामित/अधिकृत किया गया है।
परियोजना क े क्रियान्वयन से प्रस्तावित कार्य स्थलों पर पर्य टक सुविधाओ ं का
विकास होगा तथा पर्य टन को बढ़ावा मिलेगा एव ं रोजगार क े अवसर सृजित होंगे।
साथ ही, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार क े अवसर प्राप्त होंगे और
स्थानीय विकास भी होगा।
पर्य टन विकास क े माध्यम से उत्तर प्रदेश क े पर्यटन स्थलों पर स्थानीय
रोजगार में वृद्धि करक े स्थानीय लोगों क े आर्थिक उन्नयन में सहयोग प्रदान करने क े
उद्द ेश्य से उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विश्व बैंक की सहायता से ‘उ0प्र0
प्रो-पुअर पर्य टन विकास परियोजना’ संचालित की जा रही है।
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‘कृषि’ भ ू-उपयोग की भूमि को ‘औद्योगिक’ भ ू-उपयोग मे ं परिवर्तन हेतु शुल्क
की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किये जाने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने ‘क ृषि’ भू-उपयोग की भूमि को ‘औद्योगिक’ भू-उपयोग मे ं
परिवर्तन हेतु शुल्क की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किये जाने का
निर्णय लिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भू-उपया ेग
परिवर्तन शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एव ं संग्रहण) नियमावली-2014 में संशा ेधन क े
प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
यह निर्णय आदेश निर्गत होने क े उपरान्त ‘तत्काल प्रभाव से लागू किया
जाएगा। भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में कमी होने स े उद्यमी औद्योगिक विकास हेतु
प्रोत्साहित होंगे। औद्योगिक समूह प्रदेश में औद्या ेगिक इकाइयों की स्थापना क े लिए
आकर्षित हो ंगे। परिणाम स्वरूप में प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा
मिलेगा। औद्या ेगिक इकाइयों की स्थापना से सम्बन्धित क्ष ेत्र में राजगोर क े अवसरा ें में
भी वृद्धि होगी।