** प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के दृष्टिगत माताटीला बांध से 13 जुलाई को 90000 से 150000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना
** लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद के दुकवां,पारीछा, पहुँच, डोंगरी, पहाड़ी, लहचूरा, कुरार एवं पथरई बांधों से भी लगातार छोड़ जा रहा पानी
** नदी किनारे गांवों में ग्राम प्रधान मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को नदी किनारे व टापू पर ना जाने की दें सलाह:- जिलाधिकारी
** नदी किनारे बसे गांव में ग्राम प्रधान, निगरानी समितियां, लेखपाल व सचिव अलर्ट मोड पर रहें, पल-पल की जानकारी प्रशासन को देना सुनिश्चित करें
** गांव में नदी बहाव में आने वाले जहरीले जीव जंतुओं की जानकारी तत्काल जिला मुख्यालय और वन विभाग को दें
** नदी-नाले में तेज बहाव के कारण रिपटे के ऊपर पानी आने पर ग्रामीण जन आवागमन ना करें,
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जनपद एवं प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत कैंप कार्यालय पर एक उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, अधिशासी अभियंता बेतवा बृजेश कुमार पोरवाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने जनपद के समस्त आमजन से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश सहित जनपद में हो रही लगातार बारिश के कारण डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। जिस कारण नदियां उफान पर हैं, इसके दृष्टिगत नदी किनारे बसे गांव के ग्रामीण किसी भी दशा में नदी के मध्य टापू पर ना जाएं और ना ही नदी के किनारे किसी भी तरह की गतिविधि करें। उन्होंने आह्वान किया कि आप सभी सुरक्षित रहें और लोगों को भी सुरक्षित रहने की सलाह दें।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहा कि 13 जुलाई प्रातः माताटीला बांध से लगभग 45000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण माताटीला बांध से 90000 से 150000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है। पानी छोड़े जाने के कारण कई गांव प्रभावित होने की संभावना पर उन्होंने नदी के किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने की हिदायत दी।
उन्होंने ऐसे गांव जो नदी किनारे हैं और पानी छोड़े जाने की स्थिति में प्रभावित होने वाले हैं, वहां के ग्राम प्रधान, ग्राम निगरानी समिति, लेखपाल, सचिव सहित अन्य सभी को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी लोग पूर्ण सतर्क रहते हुए नदी के बढ़ते जल स्तर पर सतत् दृष्टि बनाए रखें और लगातार जानकारी देते रहे। उन्होंने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि नदी के तट के किनारे कोई गो-आश्रय स्थल है तो वहां पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कहा कि पशु हानि और जन हानि किसी भी दशा में ना हो इसे अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि नदी किनारे गांव में गोताखोर तथा नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि वक्त रहते लोगों को दुर्घटना से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। रिपटे पर यदि पानी का बहाव बहुत तेज है तो सड़क पार करने से बचें और दूसरों को भी बचाएं और ऐसे गांव की जानकारी तत्काल मुख्यालय पर उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने बताया कि माताटीला से 45000 क्यूसेक पानी अब तक छोड़ा गया है और 90000 क्यूसेक पानी और छोड़े जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मातातीला से छोड़े गए पानी को दृष्टिगत रखते हुए सुकुवां-ढुकुवां बांध, पारीछा बांध एवं पहाड़ी बांध पर प्रशासन की सतत् दृष्टि बनी हुई है।
जनपद में लगातार हो रही बारिश और माताटीला से छोड़े गए पानी के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने समस्त जनमानस से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई समस्या हो तो तत्काल कलेक्ट्रेट स्थित जन सुविधा केंद्र के कंट्रोल रूम के फोन नंबर- 0510-2371199,2371100 पर तत्काल सूचना दें।
इस मौके पर अधिशासी अभियंता बेतवा बृजेश कुमार पोरवाल ने बताया कि जनपद तथा प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद के सभी बाँध लगभग जल भराव से प्रभावित है सुरक्षा की दृष्टिगत बांधों से पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।
अधिशासी अभियंता बेतवा ने बताया कि 13 जुलाई को ढुकुवां बांध से 25888 क्यूसेक, पारीछा बाँध से 134500 क्यूसेक,पहूंज बाँध से 8000 क्यूसेक,डोंगरी बाँध से 5000 क्यूसेक, पहाड़ी बाँध से 281410 क्यूसेक,लहचूरा बाँध से 288100 क्यूसेक,कुमार बाँध से 2053 क्यूसेक एंव पथरई बाँध से 3205 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सभी बाँधो मैं जल भंडारण पर विभागीय अधिकारियों की सतत दृष्टि बनी हुई है।