*तहसील गरौठा में सरकारी जमीन से संबंधित वर्षों से चल रहे मुकदमों का नहीं किया जा रहा है निस्तारण न्याय न मिलने से जनता में आक्रोश*
गरौठा झांसी।। मामला तहसील गरौठा का है जहां पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर तहसीलदार महोदय गरौठा के न्यायालय में लंबित मुकदमों को रिश्वत लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के पक्ष में आदेश पारित करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं शिकायत कर्ता द्वारा की गई शिकायत पर पूर्व लेखपाल राजेंद्र कुशवाहा की जांच रिपोर्ट एवं उपजिलाधिकारी गरौठा के आदेशानुसार भूमाफियाओं के विरुद्ध थाना गरौठा में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया था एवं इसके बाद पूर्व लेखपाल राजेंद्र कुशवाहा द्वारा 9 लोगों (भूमाफियाओं) के विरुद्ध न्यायालय तहसीलदार गरौठा में धारा 67 की कार्यवाही की गई थी तथा कई बार उक्त सरकारी जमीन की नाप की गई थी जिसमें वर्तमान लेखपाल द्वारा अपने बयानों में स्पष्ट कहा गया है कि उक्त सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से करीब 25 दुकानों का निर्माण कराया गया है जिस पर तहसील गरौठा के अधिकारियों द्वारा आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई ना ही अब तक उक्त मामले से संबंधित पत्रावलियों बेदखली का आदेश पारित किया गया है जिससे जनता का भरोसा योगी सरकार पर से उठता जा रहा है क्योंकि प्रशासनिक अधिकारी एवं तहसील के अन्य लेखपालों द्वारा भूमाफियाओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है एक ओर जहां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए तथा अवैध कब्जा हटवाए जाएं वही दूसरी ओर उन्हीं के राजस्व अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर सरकारी जमीनों को खुर्द बुर्द कर राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है तथा उक्त सरकारी जमीन को आज तक कब्जा मुक्त नहीं कराया गया है और न बेदखल करने का आदेश पारित किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि राजस्व अधिकारी भूमाफियाओं से मिले हुए हैं ऐसे अधिकारियों की मेहरबानी से ही सरकारी जमीनों पर कब्जा कराया गया है जिस कारण भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही न होने से जनता में आक्रोश बना हुआ है नगर की जनता ने जल्द से जल्द उक्त सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।