आज पूरे जालौन जिले में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई है — क्योंकि उरई की बेटी, आईएएस आकांक्षा राणा, अब झांसी नगर निगम की नई नगर आयुक्त बन गई हैं।
जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई — हर कोई कह रहा है, “ये है उरई की शान, आकांक्षा राणा!”
आईएएस आकांक्षा राणा अब झांसी के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और नगर विकास की बागडोर संभालेंगी।
वे पहले प्रयागराज में कुंभ मेला प्राधिकरण में विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात थीं, जहाँ उनकी कार्यकुशलता और प्रशासनिक समझ की हर ओर सराहना हुई थी।
महाकुंभ के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंचे थे, तो आकांक्षा राणा ने स्वयं पीएम को व्यवस्थाओं की जानकारी दी थी — वो तस्वीर पूरे देश में वायरल हुई थी, और लोग बोले थे — “यही है नई पीढ़ी की सशक्त महिला अधिकारी।”
अब झांसी जैसे ऐतिहासिक शहर की कमान उनके हाथों में है। स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट्स, जलभराव और ट्रैफिक जैसी चुनौतियाँ — इन सबसे निपटने के लिए शासन को आकांक्षा राणा पर पूरा भरोसा है।
आकांक्षा राणा, 2017 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। मूल रूप से जालौन जिले के उरई की रहने वाली हैं। उन्होंने शुरुआती शिक्षा उत्तर-पूर्वी राज्यों से ली, इसके बाद आईआईटी कानपुर से इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की, और यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाकर 2017 में आईएएस बनीं।
उन्होंने गोरखपुर, प्रयागराज और हरदोई में कई अहम जिम्मेदारियाँ संभालीं — हर जगह अपनी कार्यशैली और जमीनी फैसलों से अलग पहचान बनाई।
कुंभ मेले में भी जब भीड़ और भगदड़ जैसी स्थिति बनी, तो आकांक्षा राणा ने खुद मोर्चा संभाला और हालात पर नियंत्रण पाया। उनकी सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता की तारीफ शासन स्तर पर भी हुई।
अब झांसी के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आकांक्षा राणा के नेतृत्व में शहर का कायाकल्प होगा — सड़कें बेहतर होंगी, ट्रैफिक सुधरेगा और विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
उरई और पूरे जालौन के लिए यह गर्व का पल है। हर कोई कह रहा है — “देखो, उरई की बेटी अब झांसी की नगर आयुक्त बनी है।”
हमारी पूरी टीम की ओर से आईएएस आकांक्षा राणा को ढेर सारी शुभकामनाएँ — वे इसी तरह मेहनत, ईमानदारी और लगन से नई मिसाल कायम करती रहें।