प्रभु सिर्फ प्रेम से प्राप्त होते हैं, जप, तप और यज्ञ से नहीं: हरिवंश दास
झांसी। मेहंदी बाग श्रीराम जानकी मंदिर के तुलसी मानस भवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस के अवसर पर भागवत पूजन बुंदेलखंड पीठाधीश्वर धजराई त्रिदेव मंदिर के महंत प्रवक्ता निरमोहि अखाड़ा सीताराम दास एवं निवाड़ी जिले के जिला धर्माचार्य अनिरुद्ध दास महाराज, महंत प्रेम नारायण दास ने किया।
वृंदावन धीर समीर आश्रम से आए कथा प्रवक्ता हरिवंश दास महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि अवतार अर्थात जो सीधा ऊपर से पृथ्वी पर आ जाए, क्या भगवान सिर्फ धर्म की स्थापना के लिए ही अवतार लेते हैं, अर्थात जब-जब हुए धर्म की हानि होती है। असुर अधम अभिमानी, तब तब प्रभु धरी विविध शरीरा अर्थात पृथ्वी पर जब-जब पपियों, अधर्मियों का भार बढ़ता है तब तब प्रभु अवतार लेते हैं। ईश्वर सारी लीलाएं पृथ्वी पर आकर भक्तों के हितार्थ और लोग इस मानव जीवन में कैसा जीवन जीए, इस हेतु शिक्षा देने के लिए लेते हैं। इस अवसर पर पूतना, वक्रासुर, वटासुर, कालिया दहन, कैसी वध लीला, इंद्र के अभिमान का मर्दन, गोवर्धन लीला आदि का वर्णन किया गया। इस अवसर पर वासु, गोविंद शर्मा, एके मिश्रा, आरके सहरिया, सरजू प्रसाद, सुरेश गुप्ता, मुकेश मिश्रा, केके सिंह सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।