जालौन पुलिस का कारनामा आया सामने, मृतक को कर दिया शांति भंग में पाबंद, अब मजिस्ट्रेट के सामने देनी होगी मौत की गवाही?
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Feb 4, 2022
जालौन पुलिस का कारनामा आया सामने, मृतक को कर दिया शांति भंग में पाबंद, अब मजिस्ट्रेट के सामने देनी होगी मौत की गवाही?
वैसे तो यूपी की पुलिस ठाये-ठाये और एनकाउंटर के लिए मशहूर है। वहीं जालौन पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली सामने आई हैं। जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ सकते हैं। जी हां, जालौन पुलिस ने शांति व्यवस्था को बनाएं रखने के चक्कर मे ऐसे व्यक्ति को पाबंद कर दिया है। जो पिछले 8 साल पहले ही इस दुनिया से अलविदा हो गया। मामले का खुलासा जब हुआ तो कोई भी जिम्मेदार इस बात का जबाब देने को तैयार नहीं। हालांकि यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी जालौन पुलिस ‘मुर्दे के नाम पर’ एफआईआर दर्ज कर सुर्खियों में रह चुकी है। इतना ही नहीं इस सूची में कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं जो जिले के प्रतिष्ठित लोगों में शुमार हैं। अब इसे पुलिस की खानापूर्ति कहें या लंबी रेस की तैयारी। इसका जबाब तो वह मृतक व्यक्ति ही दे सकता हैं।
दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में जालौन में 20 फरवरी 2022 को मतदान संपन्न कराया जाना है। जिसकों लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं जिले में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो सकें इसके लिए पुलिस प्रशासन ने यहां के लगभग 30 हजार लोगों पर पाबंद की कार्यवाही की है। अब ऐसे में जालौन पुलिस की कार्यशैली में प्रश्नचिन्ह तब लग गया। जब पिछले विधानसभा चुनाव के अपराधियों की सूची को बिना वेरीफाई किए ही उनके ऊपर पाबंद की कार्यवाही कर दी है। इतना ही नहीं पुलिस ने प्रतिष्ठित व्यापारी से लेकर बार संघ के अध्यक्ष को भी शांति भंग में पाबंद कर दिया है। जालौन की पुलिस अपने दायित्वों का निर्वहन कैसे कर रहीं इस बात अंदाजा यहां से भली भांति लगाया जा सकता है।
8 साल पहले छोड़ दी दुनिया, बिना जांच किए कर दिया पाबंद
जानकारी के मुताबिक बल्लभ नगर चौकी पुलिस ने चुनाव के मद्देनजर कुछ लोगों पर पाबंद की कार्यवाही की है। पुलिस चौकी ने सूची बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट को भेजी है। उसमें से एक मृतक को भी पाबंद कर दिया है। पुलिस ने जिस मृतक का नाम सूची में शामिल किया है। उसका नाम देवेंद्र प्रताप सिंह हैं जो कि 12 जुलाई 2014 को मोक्षधाम को प्राप्त हो गए थे। जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो वह चौकी पहुंचे लेकिन पुलिस उन्हें गोलमोल जबाब देती नजर आई। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जालौन पुलिस के इस कारनामें से मृतक अपनी मौत की गवाही देने मजिस्ट्रेट के पास खुद चलकर कैसे आयेगा..?
वही, इस पूरे मामले में सीओ सिटी विजय आंनद ने बताया कि यह प्रकरण संज्ञान में है मामले की जांच चल रही है।