जिलों में मौसम के अनुसार उन्नतशील बीज उपलब्ध हो ताकि उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके
जनपदों को खेत तालाब योजना के लक्ष्य आवंटित कार्य वर्षा से पूर्व पूर्ण करें
प्रदेश में 15 जून तक संचालित होंगे गेहूँ क्रय केंद्र, किसानों से लगातार क्रय करें गेहूँ
किसानों का उत्पीड़न करने वाले लाइसेंस धारक उर्वरक विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो
जिलों के एनुअल प्लान में दलहन/ तिलहन पर अधिक फोकस किया जाए
कोविड-19 के बावजूद प्रदेश में रिकॉर्ड उत्पादन होने पर किसान भाइयों को बधाई
आज योजना भवन कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जी के मुख्य आतिथ्य में राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2021 का आयोजन हुआ। उन्होंने प्रदेश के किसानों व कृषि अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में प्रदेश में रिकार्ड उत्पादन हुआ, हमारे किसान भाइयों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था का आधार है,अतः इसे मजबूत और आगे ले जाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि में उच्च तकनीकी को बढ़ावा देने के साथ ही उन्नतशील बीज, उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, बीज व उर्वरक की कोई समस्या नहीं होगी सुनिश्चित कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2021 का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उत्पादन बढ़ाना है। किसान को समय से बीज उपलब्ध हो और उसे मांग के अनुसार उर्वरक मिले, इसकी व्यवस्था कर ली गई है। सभी जिलों में लक्ष्य के सापेक्ष बीज व उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों को डीएपी 1200 ₹प्रति बोरी सब्सिडी के साथ प्राप्त होगी, यदि विक्रेता द्वारा अधिक पैसा लिया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाए, उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विक्रेता अपनी दुकानों पर वॉल पेंटिंग के माध्यम से रेट लिस्ट चस्पा करें यदि निरीक्षण के दौरान रेट लिस्ट नहीं प्राप्त होगी तो लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही भी की जा सकती है। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंक को भी प्रमोट करने के निर्देश दिए ताकि ऐसे किसान जो नई तकनीकी या यंत्र क्रय नहीं कर सकते हैं तो वह किराए पर लेकर इन यंत्र व तकनीकी के माध्यम से अपना उत्पादन बढ़ा सके।
कृषि मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में गेहूं क्रय केंद्र 15 जून तक संचालित होंगे। ऐसे किसान जिनके टोकन का समय निकल गया है उन्हें पुनः टोकन जारी करते हुए उनकी उनका गेहूं क्रय किया जाए। गेहूं क्रय केंद्र पर किसान का उत्पीड़न ना हो, उनका भुगतान समय से किया जाना सुनिश्चित किया जाए। केंद्र से किसी भी किसान को लौटया ना जाए, रिकॉर्ड उत्पादन से किसान को भी लाभ प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेत तालाब योजना का किसान लाभ लें। जिलों में योजनांतर्गत लक्ष्य आवंटित किए जा चुके हैं। सभी जिले बरसात से पूर्व खेत तालाब योजना का कार्य पूर्ण कर लें ताकि वर्षा जल की बूंद- बूंद को संरक्षित किया जा सके।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि मंत्री ने कहा कि जिलों में एनुअल प्लान बनाते समय दलहन /तिलहन पर अधिक फोकस करें। बुंदेलखंड के जिलों में इसे प्रमोट करने की जरूरत है क्योंकि यहां उत्पादन बेहतर है। उन्होंने जिलाधिकारी झांसी की मांग पर कहा कि जिलों के मौसम को देखते हुए बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो ताकि उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके।
राज्य स्तरीय करीब उत्पादकता गोष्ठी-2021 की अध्यक्षता करते हुए कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि किसान सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाते हुए उत्पादन को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि किसानों से संबंध लगातार बनाए रखें। कोविड-19 का पालन करते हुए संवाद को तोड़े नहीं, उनसे बात करें और उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि विषम परिस्थिति के बाद भी इस वर्ष भी खरीफ लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2021 को संबोधित करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि जल्द ही मंडलीय गोष्ठियों आयोजित होंगी, जिसमें विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी हो, उनके उत्पाद को बाजार अवश्य उपलब्ध कराएं ताकि उसे सही दाम मिल सके। उन्होंने कहा कि लगातार सोलर पंप के संबंध में जिलों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं इसे दूर करने के लिए अब ऐसी एजेंसी का चयन होगा जो जिले में पंप सुधारने हेतु वर्कशॉप संचालित करेगी।
गोष्ठी में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि जिलों में पराली प्रबंधन की तैयारी अभी से कर लें, लोगों को जागरूक करें कि पराली ना जलाएं। उन्होंने “पराली दो- खाद लो” अभियान चलाए जाने पर जोर दिया। गोष्ठी में उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जो फसल बीमा का लाभ नहीं चाहते हैं, वह 24 जुलाई 2021 से पूर्व संबंधित बैंक को लिखित जानकारी दें कि उनका फसल बीमा न काटा जाए। उन्होंने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार ने पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए टीकाकरण कराए जाने पर बल दिया और टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 01 करोड़ 76 लाख कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य रखा है इसके पूर्ति के लिए संवेदनशील होकर कार्य किया जाए।
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2021 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि मंडल में 80% क्षेत्र दलहन व तिलहन का है यहां उर्द, मूंग, तिल, अरहर, सोयाबीन तथा बड़ी मात्रा में मूंगफली का उत्पादन है, यदि क्षेत्र में प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाए तो यहां के किसानों को उनकी फसल व मेहनत का वाजिब दाम मिलेगा और आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने क्षेत्र में सोलर पंप को लेकर किसानों की समस्या बताते हुए कहा कि सोलर पंप जब खराब हो जाता है तो कंपनी उसे सुधारती नहीं है। यदि एक वर्कशाप खोल दिया जाए तो किसानों को सुविधा होगी। मंडलायुक्त ने झांसी जिले में उप कृषि निदेशक के पद खाली रहने की भी जानकारी दी और जनपद ललितपुर में मात्र एक सरकारी ट्यूबवेल है यदि सभी ब्लॉकों में ट्यूबवेल लगाए जाएं तो क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा।
गोष्ठी में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि जनपद में उर्दू व मूंगफली के वही उन्नतशील बीज उपलब्ध कराए जाएं जो यहां की जलवायु के अनुरूप हो यदि ऐसे बीज किसानों को प्राप्त होंगे तो उत्पादन में गुणात्मक सुधार होगा। आपके सुझाव को मा कृषि मंत्री जी द्वारा स्वीकार करते हुए तत्काल निर्देश दिए गए कि जो बीच मांगे गए हैं उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो।
वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा गोष्ठी में शासन स्तर से कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश शासन, निदेशक बीज विकास निगम, निदेशक पशुपालन, निदेशक मत्स्य, निदेशक उद्यान, मुख्य अभियंता सिंचाई सहित अन्य ने भी विभागीय योजनाओं की तथा खरीफ की तैयारियों की जानकारी दी।
इस दौरान झांसी एनआईसी में मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, संयुक्त कृषि निदेशक एस एस चौहान, प्रभारी डीडी के के सिंह, डीआर उदय भान सिंह, कृषि वैज्ञानिक पी के सोनी, एफपीओ अमित पांडेय, आत्माराम सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।