खबर की तह तक जाकर सच्चाई—–
वहीं जब इस पूरे मामले पर हमारे झांसी दर्शन न्यूज़ एडिटर ने संबंधित पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई नरेश कुमार त्यागी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 6 लाख रूपये का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा था। वहीं उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में 16 सौ वाट का इनवर्टर भी लगवाया गया है। बिजली ना आने पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था है। वही पानी के लिए बताया गया है कि जल संस्थान द्वारा 1 इंच पाइप लाइन के द्वारा भी पानी की सुबह शाम व्यवस्था है। जिससे कि वहां पर फ्रिज, एसी, जनरेटर वगैरा-वगैरा कई और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। लेकिन उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उनके द्वारा बनाए गए इस्टीमेट को निरस्त कर दिया गया है। वहीं जब उनसे ट्यूबलाईट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया सारी ट्यूबलाइट सही है। वहीं जब उनसे रसोईया के संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि तहसील स्तरीय निरीक्षण भवन में न तो फ्रिज जैसी सुविधा न ही रसोईया की कोई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। तहसील स्तरीय प्रावधान के मानक के अनुसार तहसील स्तर पर रसोईया का कोई पद नहीं है। न ही फ्रिज वगैरा-वगैरा ऐसी कोई भी सुविधाओं के लिए उनके विभाग द्वारा तहसील स्थरीय निरीक्षण भवनों पर कोई भी ऐसा प्रावधान नहीं है। जिसके अनुसार की निरीक्षण भवन में ऐसी सुविधाओं को मुहैया कराई जा सके। वहीं उन्होंने इस खबर के संबंध में बताया है कि इस प्रकार की फर्जी खबर लिखने वालों के संबंध में जिला अधिकारी सहित विभाग के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराऐंगे।
झाँसी दर्शन न्यूज ने मामले की सच्चाई को खंगाला—
वहीं जब इस पूरे मामले पर हमारे झांसी दर्शन न्यूज़ टीम ने इस पूरी खबर के बारे में संज्ञान लिया तो पता चला कि सारी ही चीजें सिर्फ और सिर्फ झूठ की बुनियाद नजर आ रही थी। जिसकी कई तस्वीरें हमारी झांसी दर्शन न्यूज़ की टीम ने अपने कैमरे में भी कैद की हैं। जो आप झांसी दर्शन न्यूज़ पर देख रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या पानी और ट्यूब लाइट की बताई गई थी। जो कि पूर्ण रूप से फर्जी है। आपको सभी लाइटें खराब बताने वाले न्यूज़ पेपर की बात फर्जी नजर आएगी। शायद तस्वीरें झूठ नहीं बोला करती। जिसकी तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं। जो आपको सच नजर आएगा। जिसमें पूर्ण रूप से पीडब्ल्यूडी विभाग की सारी लाइट जल रही है। और पूरे निरीक्षण भवन में शारी लाइटों से निरीक्षण भवन जगमगा रहा है।