झांसी। हमारे भीतर जीवन जीने की कला होना चाहिए। यह सदवचन करगुवां जी में धर्मसभा को संबोधित करते हुये आर्यिका रत्न पूर्णमति ने कहे। उन्होंने बताया कि लोहे से ताला बनता है और चाबी भी लोहे से ही बनती है। ताला कितना भी बड़ा हो, चाबी में ताला खोलने की सामथ्र्य होती है। यदि हमारे पास सम्यक पुरुषार्थ रुपी कुंजी है तो हर समस्यायें आसानी से सुलझ जायेंगी।
महात्मा गांधी के तीन बंदरों की चर्चा करते हुए गुरु मां ने कहा कि प्रतिदिन प्रात: उठकर विश्व कल्याण की कामना करो। सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय: सर्वे भद्राणि पश्यंति, वसुधैव-कुटुम्बकम अर्थात सभी प्राणियों के प्रति अच्छी भावना बनाओ।
गरौठा विधानसभा के पूर्व विधायक दीपनारायण यादव अपने समर्थकों के साथ आज करगुवां जी पहुंचे। धर्मसभा में पहुंचकर पूर्व विधायक ने आर्यिका पूर्णमति के चरणों में श्रीफल अर्पित कर आर्शीवाद लिया। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गौरव अध्यक्ष प्रदीप जैन आदित्य, वर्षा योग समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन, ललित जैन, राजीव जैन सिर्स सहित दिगम्बर जैन समाज के पदाधिकारियों ने पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव, अशोक यादव एवं पुष्पेन्द्र यादव का तिलक एवं शाल उड़ाकर सम्मानित किया। पूर्व विधायक ने इस मौके पर कहा कि वे अतिशय क्षेत्र करगुवां जी के विकास में अपना पूरा सहयोग देंगे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने आभार ज्ञापित किया। संचालन प्रवीण कुमार जैन ने किया।
लोहे से ताला बनता है और चाबी भी लोहे से ही बनती है:आर्यिका पूर्णमति
