अनाथ बच्चें भटक रहे दो वक्त की रोटी पाने को
मऊरानीपुर (झाँसी) न जाने वह बच्चे अपनी किस्मत में क्या लिखाकर आये थे।
माता-पिता की मौत के बाद पहले उनका सहारा छिन गया और अब दो भूखों मरने की नौबत आ गई। हद तो तब हो गई जब सरकार द्वारा दी जा रही सूखा राहत किट को देने से कोटेदार ने मना कर दिया।
यह कहानी है झांसी की मऊरानीपुर तहसील अन्तर्गत ग्राम घाट लहचूरा में रहने वाले उन बच्चों की। जो दो वक्त की रोटी के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे।
झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील क्षेत्रान्तर्गत ग्राम घाट लहचूरा में रहने वाले पंकज व उसकी बहन कविता मानसिक रुप से विछिप्त बताये जा रहे है। दोनों बच्चे एसडीएम मऊरानीपुर कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता की आग लगने से 3 माह पहले मौत हो गई थी।
माता-पिता की मौत के बाद रिश्तेदारों ने कुछ दिन तो उनकी मदद की। लेकिन उन्होंने भी हाथ पीछे खींच लिए। अब तक तीन माह गुजरने को है लेकिन उन्हें सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली। यहां तक ग्राम प्रधान ने भी कोई सुध नहीं ली।
जिससे परेशान होकर बच्चे एसडीएम कार्यालय पहुंचे और दो वक्त की रोटी दिलाने की मांग की। हालांकि उनके चाचा उनकी मदद करना चाहते है लेकिन आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण वह उनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं।
रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता