* पुलिस से अगले जन्म में बदला लूंगा,मृतक ने ऑडियो में कहा, अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़,मौत पर राजनीती:.रि-=मो.इरशाद मंसूरी
* झांसी । मै दूसरे जनम में तुमसे बदला लेकर रहूॅगा, मॉ जब भी तुमको मेरी याद आयें मेरी फोटो देख लेना,,,,,,
* पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर अपने ही घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली और सबकुछ ख़त्म
* आखिर ऐसा क्या किया पुलिस ने कि मृतक ने लगी ली फांसी, सुने ओडियो
झाँसी / इस पुरे मामले के पीछे उस दर्द को ब्यान करने वाला वो आडियो क्लिीप है, जो मृतक ने अपनी मौत से चंद पहले बनाया था। इस करीब 10 मिनट के आडियो क्लिीप में उसने पुलिस की उस बर्बरता को वो जिक्र किया है जिसकों सुनकर कर ही अन्दाजा लगाया जा सकता है। कि पुलिस ने किस तरह से उसकों परेशान किया, जिसके चलते उसने मौत को अपने गले लगा लिया। ओडियों में मृतक ने डी.एम की कार्यवाही पर भी गंभीर संवाल उठाते हुये कहा कि जो गुण्डा है उसपर तो पुलिस कोई कार्यवाही नही करती क्या मै गुण्डा हूॅ l मुझे मण्डी चौकी और एक सिपाही ने गलत फंसाया है फंसाने से पहले पुलिस को जॉच तो करनी चाहिये थी। मै मर जाउगॉ तो न केस होगा और न कार्यवाही तुम पुलिस वाले हो न पैसे लेकर लोगो को फंसा देते हो, किसी की भी जिन्दगी बर्बाद कर देते हों, तुमको वर्दी की सनक है न, मुझे पहले भी गलत फंसाकर जेल भेज दिया था । मै दूसरे जनम में तुमसे बदला लेकर रहूॅगा, मॉ जब भी तुमको मेरी याद आयें मेरी फोटो देख लेना,,,,,, थाना नवाबाद अन्तर्गत खुशीपुरा में रहने वाले एक युवक ने पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर अपने ही घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली । इसका सीधा आरोप पुलिस के चन्द दरोगा पर लगा है। जिससे बाद मृतक के आक्रोशित परिजनों ने कल देर रात से ही पुलिस कप्तान से लेकर आज सुबह डी.एम कार्यालय का घेराव किया। बवाल की आंशका को देखकर प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। इसके मामले में खुशीपुरा मौहल्ले के लोगों में पुलिस के प्रति भारी आक्रोश दिखा। मृतक के परिजन आरोपी पुलिस वालों कों बरखस्त कर कार्यवाही की मॉग पर अड़ गयें। भारी भीड़ की संख्या देखकर और संवेदनशील क्षेत्र होन के कारण, किसी बवाल की आंशका के चलते झांसी के सभी थाने की फोर्स और वरिष्ठ् अधिकारियों ने डेरा डाल लिया। मुख्य सड़क से लेकर मुक्तीघाम तक चपे-चपे पर तैनात रहा पुलसि फोर्स और भारी विरोध के बाद आखिरकार भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मृतक का अन्तिम संस्कार तो करवा दिया गया, लेकिन पीछे छोड़ गया पुलिस की बर्बाता के वो निशान । मामला नवाबाद थानान्तर्गत खुशीपुरा में रहने वाले आत्माराम का 22 वर्षीय बेटा विवेक उर्फ दिग्गी का है। हाल ही में तालपुरा के पास बने पार्क में हुयी मारपीट में उसका नाम आया था। आरोप है कि जिसके बाद से ही पुलिस विवेक को परेशान कर रही थी। इससे मृतक विवके घबरा गया और उसने अपने ही कमरे में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौंत हो गयी। गौरतलब है कि पूछताछ के बहाने पुलिस पर हमेशा ही गंभीर आरोप लगते रहे है । इससे पहले भी नवाबाद पुलिस पर कई मामलों में लीपापोटी कर दोषियों को छोड़ने और निदोषों को फंसाने के चलते बदनाम रही है। ऐसे कई मामले है जिनमें पुलिस ने पैसा लेकर कई लोगों फंसा दिया। एक बार पुलिस किसी को आरोपी बना दिया तो फिर किसी न किसी केस में पुलिस बिना वजह आरोपी बनाने से नही चुकती है। दरअसल पहले तो पुलिस मामले में कार्यवाही करने से बचती है क्योकि थाने मे आये प्रार्थना पत्र भी थानेदारो की कमाई के साधान होते है। इस बीच अगर दवाब के चलते किसी को आरोपी बनाया गया तो आरोपियो के नाम हटाने को लेकर या नये नाम जोड़ने को लेकर भी जमकर बन्दर बॉट होती है । मौत पर राजनीती…. किसी की मौत पर राजनीती करना नेताओ को बखूबी आता है। ऐसे मामलो में जनता के बीच सहनूभुती लेकर नेताओं का पहुॅचना आम बात हो गयी है । दरअसल इनका मकसद उनकी परेशानी में साथ भीड़ देख कर राजनीती करने पहुॅच जाते है नेता। इसके पीछे इनका मकसद भी साफ होता है। यह बात अब लोगो की समझ में आने लगी है ।