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झांसी नगर निगम के अधिकारी बिज्ञापन कंपनी को लाभ पहुंचाकर अपना कर रहे हे…:रि.-=मो०इरशाद मंसूरी

झांसी नगर निगम के अधिकारी बिज्ञापन कंपनी को लाभ पहुंचाकर अपना कर रहे हे……
झाँसी। झांसी नगर निगम हमेशा विवादों में और विवादों की स्थिति में अपने आप को बनाए रखने मैं गर्व महसूस करता है झांसी में जगह-जगह होडिंग लगी हुई है और नगर निगम को इससे अच्छी खासी आय होती लेकिन अब यह होर्डिंग के ठेके का मामला ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा है । वहीं दूसरी ओर इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत भी सीधे तौर पर दिखाई देने लगी है। इस मामले में नगर निगम का कोई भी अधिकारी सीधे तौर पर सही जानकारी देने को भी तैयार नहीं है । करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुए इस विवाद ने रोज नए मुड़ आते रहे ।

दरअसल इस पूरे विवाद के पीछे नगर निगम के एक अधिकारी की भूमिका है मानी जाती है । नगर निगम, झांसी में तैनात अपर नगर आयुक्त का प्रभार संभाल रहे रोहन सिंह । बताया जाता है कि रोहन सिंह पहले गाजियाबाद नगर निगम में बतोर कर अधीक्षक के रूप में कार्य करते थे । इस दौरान मिडास कंपनी का गाजियाबाद में होर्डिंग लगाने का ठेका था । जिसके बाद रोहन सिंह की तैनाती झांसी नगर निगम में बतौर कर अधीक्षक के रूप में हुई । इस दौरान नगर निगम झांसी में अपर नगर आयुक्त का कार्य संभाल रहे आर.पी.श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो गए। जिसके बाद रोहन सिंह को अपर नगर आयुक्त का प्रभार सौंप दिया गया। कुछ समय तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। इसके बाद नगर निगम झांसी द्वारा वित्तीय वर्ष 15-16 में विज्ञापन के लिए ठेके प्रकाशित कराए गए। इस दौरान नगर निगम ने विज्ञापनों के ठेके के लिए तीन बार विज्ञापन प्रकाशित कराएं और बिना किसी कारण के तीनों विज्ञापनों को निरस्त कर दिया जिसके बाद चौथी बार पुनः विज्ञापन के ठेके प्रकाशित करा दिए गए। बस यही इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों का कहना था कि तीन बार विज्ञापन प्रकाशित करवाए गए, उसमें किसी ने भी निविदा नहीं डाली। चौथी बार प्रकाशित विज्ञापन में गाजियाबाद के तीन लोगों ने उक्त ठेके में निविदा डाली। जिसमें दो निविदा फर्जी पाई गई और आखिरकार मिडास कंपनी को विज्ञापन के ठेके दे दिए गए। इस ठेके में सबसे अहम बात यह थी कि बिना ठेके के आने वाला राजस्व मिडास कंपनी को दिए जाने वाले ठेके से कई गुना ज्यादा था, बावजूद इसके मिडास कंपनी को फायदा पहुंचाते हुए ठेके को काफी कम रेट पर दे दिया गया। इतना ही नहीं नगर निगम के अधिकारी ने उक्त ठेके की जो शर्तें रखी वह भी चौंकाने वाली थी। इन शर्तों में से सबसे अहम शर्त यह थी कि जब तक मिडास कंपनी अपनी सभी होडिंग नहीं लगाती, जब तक ठेके की शुरुआत नहीं मानी जाएगी। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस ठेके को करवाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों में इतनी जिज्ञासा थी कि ठेके के एग्रीमेंट पर साइन कराने के लिए देर रात करीब 11:00 बजे नगर निगम के अधिकारी एक दूसरे अधिकारी के घर जाकर उक्त एग्रीमेंट को साइन कराया गया। इस ठेके के लिए ठेका प्रकाशित कराने वाले लिपिक को भी कई बार अपने पद से स्थानांतरित किया गया ।
इस दौरान नगर निगम द्वारा किए गए उक्त ठेके के दस्तावेज विभाग से लीक हो गए । जिसके बाद उक्त ठेके में की गई अनियमितताएं सामने आ गई । अपने को फंसता देख नगर निगम ने मौका देख कर उक्त ठेके को निरस्त कर दिया । इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों ने मिडास कंपनी को हाईकोर्ट के जरिए एक आदेश लाने को कहा, जिसका बहाना लेते हुए नगर निगम ने उस ठेके को पुनः स्वीकृत कर दिया । दोबारा ठेका स्वीकृत होने के पश्चात मिडास कंपनी ने होर्डिंग लगाने की जगह कैंटिलीवर लगाना शुरु कर दिए । कैंटिलीवर लगते ही झांसी की विज्ञापन एजेंसियों को शक हुआ जिसके बाद उन्होंने नगर निगम से उक्त ठेके के संबंध में जानकारी मांगी। इस संबंध में शुरुआत में तो प्रभारी अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह ने कैंटिलीवर को होर्डिंग बता कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की । जिसके बाद झांसी की विज्ञापन एजेंसियों ने कैंटिलीवर और होल्डिंग के बीच का अंतर स्पष्ट कर दिया ।
जिसके बाद इस ठेके से जुड़ी सभी फाइलें नगर निगम से गायब कर दी गई। इस मामले में कई लोगों द्वारा जनसूचना अधिकार के तहत सूचना मांगी गई लेकिन करीब डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद भी उक्त फाइल का कोई भी दस्तावेज जनसूचना अधिकार के तहत नहीं दिया गया । इस मामले में जब कर अधीक्षक / जन सूचना अधिकारी आर पी सिंह और प्रभारी अपर नगर आयुक्त / प्रथम अपीलीय अधिकारी से जानकारी चाहिए तो उस फाइल के संबंध में कोई भी जानकारी देने से स्पष्ट मना कर दिया गया । इसके बाद मिडास कंपनी को कब्जा दिलाने के लिए नगर निगम ने मिडास कंपनी की अवैध रूप से नगर निगम गाजियाबाद के नाम से चल रही गाड़ी पर गैस कटर रखवाकर होर्डिंग कटवाना शुरू कर दिया। जिसके बाद इलाइट चौराहे पर काफी विरोध शुरु हो गया । भारी विरोध के चलते नगर निगम के अतिक्रमण अधिकारी केशव सिंह मौके से हट गए और थोड़ी देर बाद ही अभियान को रोक दिया गया ।

इस बीच नगर निगम, झांसी द्वारा बुंदेलखंड एडवर्टाइजर्स एसोसिएशन द्वारा लगाई गई सभी होर्डिंग को पुनः अवैध मांगते हुए अखबारों में रोस्टर प्रकाशित करवा दिया गया l इधर आज झांसी के सभी विज्ञापन एजेंसियों ने प्रेस वार्ता में कई ऐसी जानकारियां दी जिससे नगर निगम झांसी में प्रभारी अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह, कर अधीक्षक आरपी सिंह और पूर्व में रहे संपत्ति अधिकारी केशव सिंह पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। इस दौरान झांसी के सभी विज्ञापन एजेंसियों के मालिक उपस्थित रहे ।

रि.-=मो०इरशाद मंसूरी

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