झाँसी। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कानून व्यवस्था को बनाने के लिए पिछले महीने सैकड़ों तबादले कर डाले, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में संगीन अपराधों मे कोई कमी नही आयी । इधर झांसी जनपद में भी पुलिस के सभी प्रशासनिक अधिकारी व थाने में बैठे दरोगाओं के तबादले कर दिये गये। इधर झांसी जनपद में अपराध की रोकथम के लिये झांसी पुलिस ने कमर कसी और सट्टा किग प्रेम नारायण खटीक को धर दबोचा । 3 दिन पूर्व झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सट्टा किंग प्रेम नारायण खटीक को गिरफ्तार कर सुर्खियां बटोरी थी । उधर झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा किए गए इस खुलासे की पोल बुधवार को उस केस में फरार दो आरोपियों ने खोल दी ।
आरोप है कि सट्टा किंग प्रेम नारायण खटीक की गिरफतारी मामले में जिन दो लोगो को झांसी की स्पेशल पुलिस ने भगोड़ा दिखाया था, दरअसल उनमें से एक आरोपी भाग ही नही सकत था, क्योकि उनमें से एक आरोपी अरूण साहू विकलॉग है और वह किसी भी सूरत में छत से कूद नही सकता था। ओडियो क्लिप वायरल होने के बाद अब पुलिस जॉच में जुटी है। आरोप है कि झांसी पुलिस ने सटटे के केस में कोतवाली पुलिस ने रंगदारी न देने के एवज में उनको झूठा फंसा दिया है। दोनो ही पीड़ितो ने बुधवार को झांसी के डी.एम कार्यालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुये न्याय की गुहार लगायी ।
इस मामले में झांसी के पुलिस अधीक्क्षक नगर श्री देवेष कुमार का कहना है कि मामले की विवेचना चल रही है। जो भी तत्थय आयेगे, उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी।
क्या रंगदारी न देने पर फर्जी फंसाती है झांसी पुलिस……
झांसी पुलिस द्वारा निर्दोषों को फर्जी फंसाने के आरोपो की लिस्ट वैसे तो बहुत लम्बी है।
अभी कुछ दिन पूर्व झांसी के एस.एस.पी ने चौकी विश्वविधालय के एक सिपाही को एस.ओ.जी के कहने पर सस्पैड कर दिया था। उस पर आरोप था कि उसने अपने क्षेत्र में अवैध शराब बिकवायी थी। वही सूत्रों से मिली जानाकरी के अनुसार जिस क्षेत्र से शराब बरामद हुयी वो क्षेत्र थाना कोतवाली के अर्न्तगत आता है। दरअसल उस इलाके में रोड़ के एक तरफ थाना कोतवाली और दूसरी ओर थाना नवाबाद लगता है ।
अभी हाल ही में उल्दन थाने में तैनात दरोगा ने भी रंगदारी न मिलने पर एक नाबालिग युवक को 10 दिनो तक थाने में बन्द रखा था । वही और एक अन्य मामले जिसमें भ.ज.पा कार्यकता पर हुये हमले के मामले में थाना नवाबाद नें गलत तरीके से विवेचक बदल दिया था । जिसके बाद अधिकारियों ने मामले कर संज्ञान लेते हुये उस थानेदार का तबादला कर दिया था ।
झांसी पुलिस पर उगली उठने का क्या है आधार……
दरअसल इसके पीछे बड़ी वजह है। पिछले कुछ सालों में झांसी पुलिस का इतिहास देखे तो कहानी अपने आप समझ आ जायेगी। हर छोटे और बड़े खुल्लासे में झांसी की एस.ओ.जी टीम का अहम भूमिका रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या झांसी के थानो में तैनात दरोगाओ में इतनी भी काबलियत नही है कि वो अपने दम पर आरोपियों को पकड़ पायें।
रि.-= मो०इरशाद मंसूरी