*नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जालौन के डीएम राजेश कुमार पांडेय को किया सम्मानित*
*6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में जालौन को उत्तर भारत में मिला तीसरा स्थान*
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में aj जालौन जिले को जल संरक्षण और संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बड़ा सम्मान मिला।
उत्तर भारत क्षेत्र में जालौन ने तीसरा स्थान हासिल करते हुए बुंदेलखंड जैसे जल-संकटग्रस्त इलाके में एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने जालौन मॉडल की सराहना करते हुए इसे जनभागीदारी आधारित जल-संरक्षण का अनुकरणीय उदाहरण बताया।
*जालौन मॉडल क्यों बना मिसाल*
तालाबों का पुनर्जीवन और सूखे कुओं की पुनर्स्थापना।
परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण।
खेत-तालाब योजना और चेक डैम निर्माण से सिंचाई जल उपलब्धता में बढ़ोतरी।
कई गांवों में भू-जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज।
किसानों को सीधा लाभ—फसल के लिए पानी आसानी से उपलब्ध।
जल जीवन मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में मजबूत सुधार।
*डीएम राजेश कुमार पांडेय का बयान*
“यह सम्मान पूरे जिले के नागरिकों का है। जो लोग जल संरक्षण को आंदोलन बनाकर जुड़े—उन सभी को समर्पित है।”
*कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भव्य रूप से आयोजित किया गया।*