आम आदमी पार्टी ने किया बंद किए गए प्राथमिक विद्यालय का दौरा।
स्कूल बचाओ अभियान के तहत ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए ‘ का दिया संदेश।
पाठशाला के बजाय मधुशाला को प्राथमिकता देने के पीछे क्या है सरकार की मंशा? : जिलाध्यक्ष अरशद खान
महानगर की घनी आबादी के बीच भी कैसे घट गया छात्रांकन ? : महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा
झांसी। योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बंद किए जा रहे 27000 हजार प्राथमिक विद्यालयों के निर्णय के विरोध में आम आदमी पार्टी द्वारा 9 जुलाई से स्कूल बचाओ अभियान आरंभ किया गया है जिसके अंतर्गत पार्टी कार्यकर्ता बंद किए गए विद्यालयों का दौरा कर वहां के स्थानीय निवासियों एवं बंद किए गए विद्यालय में पढ़ते रहे बच्चों व उनके अभिभावकों से मिलकर चर्चा करते हैं।
इसी क्रम में आज आम आदमी पार्टी झांसी के कार्यकर्ताओं ने झांसी महानगर के दतिया गेट स्थित बंद किए गए प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया जहां स्थानीय निवासियों एवं वहां अध्ययनरत रहे बच्चों से बात कर विद्यालय बंद होने से उनकी पढ़ाई पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी ली।
इस अवसर पर स्थानीय निवासियों ने बताया कि क्षेत्र में काफी घनी आबादी है तथा उक्त क्षेत्र कई मलिन बस्तियां हैं जहां के छात्र इस विद्यालय में पढ़ने आते थे, विद्यालय से सटा हुआ हनुमान जी मंदिर भी है, सरकार का नियम है कि किसी भी शिक्षण संस्थान के सौ मीटर के दायरे में नशीली वस्तुओं की बिक्री नहीं हो सकती इसके बावजूद सरकारी स्कूल और मंदिर के सामने चंद कदमों के फासले पर दारू का ठेका खोल दिया गया है, जब स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत की तो प्रशासन ने स्कूल और दारू के ठेके की दूरी बढ़ाने का ऐसा तरीका निकाला कि दारू का ठेका तो अपनी जगह विराजमान है पर प्राथमिक विद्यालय को 2 किलोमीटर आगे स्थानांतरित कर दिया गया।
वहीं बंद किए गए विद्यालय के बच्चों ने बताया कि पहले ही वे एक डेढ़ किलोमीटर दूर से पैदल चल।कर विद्यालय आते थे और अब दूरी और बढ़ने से काफी दिक्कत हो रही है, साथ ही बंद किए गए विद्यालय में पानी टपकने एवं अन्य समस्याओं के बारे में भी बच्चों ने बताया।
मौके पर उपस्थित सभी स्थानीय निवासियों एवं बच्चों ने एक स्वर में प्राथमिक विद्यालय को बंद करने के निर्णय को गलत बताया और विद्यालय को पुनः पूर्व स्थान पर ही संचालित किए जाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष अरशद खान ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं के सौ मीटर के दायरे में नशीली वस्तु की बिक्री नहीं हो सकती जबकि मौके पर विद्यालय के सामने ही दारू का ठेका है जिसको हटाया जाना चाहिए था पर योगी सरकार ने मधुशाला के बजाय पाठशाला को ही हटा दिया। पाठशालाएं बंद करके मधुशालाएं खोलकर सरकार कौनसा मास्टर स्ट्रोक लगाना चाहती है, क्या सरकार आने वाली पीढ़ी को मानसिक रूप से अविकसित, अनपढ़, नशेड़ी और उन्मादी बनाना चाहती है जिससे जब जो चाहे करा सके।
महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा ने कहा कि दतियागेट का क्षेत्र जो कि झांसी की रानी के समय की आबाद है और काफी घनी आबादी वाली।मलिन बस्तियां यह मौजूद हैं ऐसे क्षेत्र में भी विद्यालय में छात्रांकन कम हो जाना शिक्षा विभाग की अव्यवस्थाओं की पोल खोलता है और सवाल खड़े करता है।
महानगर क्षेत्र के बंद किए विद्यालयों के संबंध में एक बात यह भी सामने आई कि इनमें से अधिकतर विद्यालय किराए के निजी भवनों में चल।रहे थे जिनके मामले न्यायालय में भी लंबित हैं, अब मर्जर की आड़ में विद्यालय बंद कर दिए जाने से शिक्षा विभाग का भवनों पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा जिसका लाभ भवन स्वामियों को मिलेगा, इससे यह प्रश्न भी उठता है कि क्या ऐसे भी विद्यालय बंद किए जा रहे जिनकी जरूरत क्षेत्र को है पर अधिकारियों ने भवन स्वामियों को लाभ पहुंचाने की नियत से विद्यालय बंद कर दिए।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष अरशद खान, महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा, प्रांतीय सचिव पुत्तू सिंह कुशवाहा, जिला महासचिव आशीष तिवारी, महानगर उपाध्यक्ष इम्तियाज खान, अरुण सेन, राकेश साहू, जमील खान, फिरोज खान आदि उपस्थित रहे।