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रेलवे ट्रैक की स्पीड बढ़ाने और सुरक्षा प्रदान कराने के लिए हम प्रतिबद्ध: डीआरएम

ByNeeraj sahu

Nov 14, 2024

रेलवे ट्रैक की स्पीड बढ़ाने और सुरक्षा प्रदान कराने के लिए हम प्रतिबद्ध: डीआरएम

अक्टूबर 2024 तक 130 थिक वेब स्विच किए गए स्थापित

थिक वेब स्विच से 160 KM तक बढ़ाई जा सकेगी ट्रेन की स्पीड, ट्रैक पर पॉइंट बदलने पर नहीं होगा एहसास

झाँसी मंडल में ट्रेनों की गति बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। ट्रैक की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए TWS (थिक वेब स्विच) पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। TWS (थिक वैब स्विच) के लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी । पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं, अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है। लेकिन, अब थिक वैब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

झांसी मंडल के वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी और कानपुर खंड तथा वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई झांसी और धौलपुर खंड पर TWS (थिक वैब स्विच) लगाने का काम जारी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में झाँसी मंडल में विभिन्न रेल यार्ड तथा टर्न आउट लोकेशनों में कुल 199 TWS (थिक वैब स्विच) लगाये गये थे। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर 2024 तक 130 TWS (थिक वैब स्विच) लगाए जा चुके हैं। सितंबर 2024 में 19 TWS लगाए गए थे और अक्टूबर 2024 में भी 19 TWS लगाए गए हैं।

TWS (थिक वैब स्विच) लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी। इसके साथ ही ट्रेनों के सञ्चालन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कंपन भी कम होता है।

मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि TWS (थिक वैब स्विच) ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाता है। इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट समबन्धित फेलियर न के बराबर रह जाते है। साथ ही साथ इस पर अनुरक्षण व्यय भी पहले की तुलना में कम आता है। संरक्षा की दृष्टि से यह आधुनिकतम प्रणाली अत्त्यधिक विश्वसनीय पायी गई है, जो की शुरुआती गति बढ़ाने में सहयोगी साबित होता है।

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