श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन भागवत से होता है मानव को कर्तव्य बोध
पूंछ मबूसा परिणय स्थली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को कथा व्यास पंडित श्री सन्तोष कुमार शास्त्री लहार भिंड ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य हैं इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है विडंबना ये है कि म्रत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है जबकि शरीर नश्रर है उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो वही सच्ची भक्ति है परिक्षत कोमल सिंह राजपूत श्री मती बैनीवाई एवं समस्त ग्राम बासी सभी क्षेत्रवासी आदि लोग उपस्थित रहे