• Sun. Oct 19th, 2025

Jhansi Darshan

No 1 Web Portal in jhansi

झांसी के इस थाना में रामराज्य को चोट, बच्चे परेशान माँ परेशान, छोटा सुख शासन पर कर रहा प्रहार, यहां प्रशासन मालामाल, शासन हो रहा बदनाम, यह है मुख्य कारण:रि:एडिटर-धीरेन्द्र रायकवार

झाँसी
ग्रामीण एडीटर धीरेन्द्र रायकवार
गुरसरांय थाने में है बिना बर्दी बाला सिंघम, जो बिना बर्दी में निपटाता है मामले————-
मामला झांसी की तहसील गरौठा के अंतर्गत गुरसरांय का है। जहाँ एक पुलिस बाला पूरे थाने के सिस्टम को चलाता है। जिसके बिना कोई भी मामला नही निपटता है। ये थानाध्यक्ष के खास माने जाते है। गुरसरांय थानाध्यक्ष इमरान खान का दिल जीतने के लिये एबम खास बनने के लिए एक व्यक्ति का सहारा लिया और कई मामलों का खुलासा कर इमरान खान का दिल जीत लिया। खान साहब ने उक्त सिपाही को पूरी कमान की डोर सौप दी और जो मर्जी में आये बो करने के लिए कहा ।
सिपाही का ट्रांसफर 8 माह पहले ककरबई थाने में डायल 100 में हुआ था। डायल 100 की ट्रेनिंग लखनऊ में करने के बाद बह बापस थाने आ गया।
सूत्रों की माने तो उक्त सिपाही गुरसरांय थानाध्यक्ष के खास माने जाते है। इसलिए कि थाने का सारा सिस्टम वहीं संभालते है। यही बजह है कि गुरसरांय थानाध्यक्ष ने उक्त सिपाही की रबानगी नही की। एक और खास बात है कि वह सिपाही जो भी करते है। बिना बर्दी के करते है बो बर्दी कभी कभार ही पहनते है।
इमरान खान के गुरसरांय थानाध्यक्ष बनते ही उक्त सिपाही ने उठाया बर्दी का फायदा—–
सर्प्रथम उक्त सिपाही ने एक व्यक्ति का सहयोग लेकर गुरसरांय में हो रहे सट्टे के बारे में जानकारी दी और उसे रंगे हाथों भी पकडबाया लेकिन मामला मोटी रकम लेकर वहीं रफादफा कर निपटा दिया गया।
दूसरा मामला फिर एक व्यक्ति ने एक चोर गिरोह को पकडबाया। जिसके पास से 4 मोटर साईकिल बरामद हुई नतीजा वही दो दिन बाद मोटी रकम लेकर रात को छोड़ दिया। जिस चोर को छोड़ा उसका नाम……….. था। वह ग्राम खरका ब थाना ककरबई का रहने बाला था। उसके पास जेब में रखें रुपये बरामद भी हुए थे।
इतना ही नहीं पैसे के लालच में उक्त सिपाही ने कानून की भी धज्जिया उड़ा दी——-
चार माह पहले गांधी नगर में रहने बाले राजेन्द्र अहिरबार ने अपने चाचा की लड़की से शारीरिक संबंध बनाए थे। जब इस बारे में लड़की के माता पिता को बात पता चली तो उन्होंने इसकी रिपार्ट गुरसरांय थाने में दर्ज करवा दी। कुछ दिन बाद टहरौली पुलिस ने राजेन्द्र अहिरबार को किसी मामले में पकड़ लिया। इसके बाद राजेन्द्र अहिरबार को गुरसरांय पुलिस के सुपुर्द कर दिया। गुरसरांय पुलिस ने उसी रात मोटी रकम लेकर उसे भगा दिया। जब इसकी सूचना मीडिया कर्मियों को हुई तो बो लोग फोरन सुबह 6 बजे थाने में पहुँच गए और जब इसके बारे में वहाँ तैनात होम गार्ड से पूछा तो उसने बताया कि राजेन्द्र अहिरबार को हतकडी लगाई गई थी। लेकिन उसने कैसे हथकडी खोली मुझे पता नही। इसके बाद गुरसरांय थानाध्यक्ष आ गए। जब उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने गोलमोल जबाब दिया तथा यह भी कहा कि बो खबर न छापे ब अपराधी को 3 ,4 दिन में पकड़ने का भी आश्वासन दिया। लेकिन चार माह बीत जाने पर भी कोई नही पकड़ा।
दीपावली के आते ही जुआ शराब ब सट्टे ने जोर पकड़ लिया, आपको ज्ञात हो कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते है। लेकिन इन माफियाओ के सामने इनके हाथ छोटे पड़ जाते है। क्योंकि इन माफियाओ से एंट्री के नाम पर मोटी रकम जो मिलती है। इसी बजह से पुलिस इनको पकड़ने की बजह इनका साथ देती है।
अब देखना ये है कि इन पुलिस बालो के खिलाफ बड़े अधिकारी क्या कदम उठाते है।
Jhansidarshan.in