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भगवान श्रीकृष्ण को पाने का सबसे सरल तरीका है गोसेवा : देवी चित्रलेखा

ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेन्द्र रायकवार

कटेरा (झाँसी) कस्बे के झलकारी बाई स्टेडियम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे  दिन मंगलवार को वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट एवं गौ सेवा धाम से पधारी कथा व्यास देवी चित्रलेखा जी ने अपने श्री मुख से गोसेवा पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए हमें बुरे कर्मों का संकल्पित भाव से त्याग करना होगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गाय की निस्वार्थ सेवा करता है, उस पर हमेशा भगवान की कृपा बरसती है। श्रीकृष्ण को पाने का सबसे सरल तरीका गोसेवा ही है।

कथा व्यास देवी चित्रलेखा जी ने भगवान के बाराह अवतार की कथा का प्रसंग सुनाते हुये कहा कि प्रारम्भ में सृष्टि में जल ही जल था। जिससे सृष्टि का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा था। क्योंकि पृथ्वी व चारों वेद ब्रह्मा जी से चुराकर हिरण्याक्ष रसातल में ले गया था। भगवान ने बाराह अवतार धारण कर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी व वेद को वापस लाये। उन्होंने कपिल अवतार की कथा सुनाई। शिव जी के द्वारा दक्ष का यज्ञ विध्वंस किया गया। दक्ष यज्ञ की सम्पूर्ण कथा विस्तार से सुनाई। भक्त ध्रुव की कथा सुन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये। जड़ भरत की कथा भी विस्तार से सुनाई। अजामिल का उपाख्यान सुना कर बताया कि साधुओं के कहने से अजामिल ने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा। अन्त समय में अपने पुत्र नारायण को आवाज दी। इसी से उसका उद्धार हो गया। कथा व्यास ने अपने मधुर कंठ से संगीत की मधुर स्वर लहरियों पर अनेकों भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने एवं नृत्य करने को विवश कर दिया। अन्त में आरती के पश्चात प्रसाद वितरण कराया गया।

भूपेन्द्र गुप्ता के साथ कपिल गुप्ता की रिपोर्ट

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