मोठ/झांसी – मोंठ ब्लॉक में एक दबंग प्रधानाचार्य द्वारा सरकारी जमीन पर शिक्षा के मंदिर की आड़ में अवैध कब्जा करके अपना निवास बनाए हैं, उसपर इमारत भी खड़ी कर दी है, वहीं पास में बने इतिहासिक कुए को भी अवैध कब्जे की चपेट में ले लिया है, और इतिहासिक बने कुए को कचरे से उसका नामोनिशान मिटाने की कोशिश कर रहे हैं, वैसे भी बुंदेलखंड का जलस्तर दिनों दिन गिर रहा है, और बुंदेलखंड में बने कुओं से बारिश के समय में पानी एकत्रित होता था, जो कि जमीन में जाता था जिससे जमीन का जलस्तर बढ़ता था, लेकिन अब कुछ ऐसे ही भूमाफियों द्वारा लगातार अवैध कब्जा करके इतिहासिक कुओं का नामोनिशान मिटा दिया गया है, जिससे बुंदेलखंड में किसान व जनता पानी के लिए दिनो दिन त्राहि-त्राहि कर रही है।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा भूमाफियाओ पर कड़ी कार्रवाई करने की बात की जा रही है। और शिक्षा के मंदिरों में भी छात्रों को अच्छी शिक्षा दी जाती है, जिससे छात्र अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और एक नया मुकाम हासिल करें, और उनको शिक्षा देने वाले गुरुओं का नाम रोशन हो सके। लेकिन क्या ऐसा संभव है, जब शिक्षा देने वाले एवँ शिक्षा का मंदिर ही सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके बनाया गया हो, जी हाँ हम बात कर रहे हैं, मोंठ ब्लॉक की जहां अग्रज सरस्वती शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज भी है, जो कि अवैध रूप से बना है, आपको बता दें कि स्कूल बीज गोदाम की जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाया गया है, और प्रदेश की सरकार लगातार भूमाफियाओं पर कारवाई करने की डींगे हाँक रही है, लेकिन एक बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि संबंधित विभाग आखिर क्यों आंख बंद कर अपनी जमीन पर कब्जा करवा रहा है, और आपको बता दें कि जिस जमीन पर अवैध कब्जा है, वह तहसील मुख्यालय से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित है। अब देखना है होगा कि झांसी जिले के मुखिया कहे जाने वाले शिव सहाय अवस्थी वैसे तो चाहे वह भू माफिया हो, या खनिज माफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश देते हैं, क्या शिक्षा के मंदिर की आड़ में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले इस स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ भी कारवाई करने के निर्देश देंगे या फिर यूं ही अवैध कब्जा करके दौड़ाया जाएगा शिक्षा का मंदिर।
जब इस पूरे मामले पर तहसीलदार मोंठ श्रीराम यादव से बातचीत की तो उन्होंने बताया जिस जगह वह स्कूल है, वह स्कूल मेरे क्षेत्र से बाहर है और वह क्षेत्र नगर पंचायत के अंतर्गत आता है और इसकी जिम्मेदारी नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी की है, जब इस पूरे मामले की जानकारी मोंठ अधिशासी अधिकारी गुंजन गुप्ता से बातचीत करनी चाही तो उनका फोन कई बार लगाने के बावजूद भी नहीं उठा।
आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों पूर्व ग्राम कुम्हार में गौचर की जमीन पर कुछ गरीबों द्वारा बर्षों से खेती करने का मामला सामने आया था, जिसमें एक बीजेपी नेता की शिकायत पर शासन ने सक्रियता दिखाई थी, जिसमें एक बात तो फ़िलहाल में साफ हो गई थी, कि भले इस प्रदेश में भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही हो, लेकिन गरीबों का चाहे आशियाना हो या फिर गरीबों का दाना पानी को मिटाने में सरकार को कोई गुरेज नहीं होता है, जिसमें प्रमुख सचिव ने भी कहा था कि हां अगर गरीब लोगों की फसल थी तो फसल को कटवाकर सरकारी खजाने में जमा करवा सकते थे, उन्होंने भी कहा था कि सरकार के सख्त आदेश है कि सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटाया जाए, जिसमें बीजेपी नेता की शिकायत पर एस डी एम, तहसीलदार और कोतवाल की देखरेख में खड़ी फसल पता चला दिया गया था, और मौके पर खड़ी फसल को रौंद डाला था, जिसमें प्रशासनिक अमले ने यह दिखाया था कि हम लोग भूमाफियाओं के खिलाफ कितने सक्रिय जिसपर उन्होंने शिकायत मिलते ही तुरन्त कारवाई करने के लिए गरीबों की जमीन पर खड़ी फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला था l