नाबालिगों के हाथों में मिट्टी लदे ट्रैक्टरों की स्टेयरिंग
अवैध मिट्टी खनन से हादसों का खतरा बढ़ा—प्रशासन मौन
उरई :०जिले में अवैध मिट्टी और बालू खनन का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। नियम साफ कहते हैं कि ट्रैक्टर का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मौत का सामान ढोते मिट्टी लदे ट्रैक्टरों की स्टेयरिंग अब नाबालिग बच्चों के हाथों में थमा दी गई है, और जिम्मेदार विभाग आँख बंद किए बैठे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि ट्रैक्टर से होने वाले हादसों में पिछले वर्षों में कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर प्रशासनिक जुर्माना सिर्फ एक औपचारिकता भर रह गया है—नगण्य और असरहीन।
बंधौली और राहिया में सबसे बुरा हाल—सूत्रों का दावा: संरक्षण में चल रहा खेल
बंधौली हो या राहिया क्षेत्र, दोनों जगहों पर खनन का अवैध खेल चरम पर है।
स्थानीय लोग खुलकर आरोप लगा रहे हैं कि—
खनन क्षेत्र से मिट्टी लदे ट्रैक्टर खाकी के सामने से गुजर जाते हैं।
कुछ स्थानों पर एक सत्ताधारी का संरक्षण भी बताया जा रहा है।
चर्चाएँ चाहे जो हों, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन इन मिट्टी माफियाओं पर नकेल क्यों नहीं कस पा रहा?
नजूल और वन भूमि का सीना चीर रही मशीनें।
रात-दिन जेसीबी मशीनें नजूल भूमि और वन विभाग की जमीनों को उधेड़ रही हैं। यह अवैध खनन कोई नया नहीं—सालों से जारी है, बस अब रफ्तार कई गुना बढ़ चुकी है। कई छोटे स्तर के लोग आज इसी कारोबार से करोड़पति बन चुके हैं, और अब नए लड़कों ने इस धंधे की कमान संभाल ली है। जहाँ भी समतल भूमि दिखती है, रातों-रात तालाब बना दिए जाते हैं।
गाँवों में मौत बनकर दौड़ रहे ट्रैक्टर
गाँवों की संकरी गलियों में मिट्टी से भरे ट्रैक्टर तेज रफ्तार से दौड़ते हैं। दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है और कई हादसे हो भी चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुल रहीं।
ग्रामीणों में आक्रोश—अवैध खनन पर रोक की मांग
लगातार हो रहे खनन से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि—
बेतहाशा खनन से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
ग्राम पंचायत की ज़मीन और जलस्तर दोनों खतरे में हैं।