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*शेड हाउस में कम कीमत से तैयार होगी उन्नत फसल, बढ़ेगी किसानों की आय*

ByNeeraj sahu

Jul 20, 2025

*शेड हाउस में कम कीमत से तैयार होगी उन्नत फसल, बढ़ेगी किसानों की आय*

*भूगर्भ जल विभाग की ओर से भूजल सप्ताह के 5वें दिन मऊरानीपुर में किसान संगोष्ठी का आयोजन*

*शेड हाउस की विजिट कराके किसानों को बताया कम लागत में अच्छी फसल तैयार करने का तरीका*
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झांसी: “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” थीम पर आयोजित भूजल सप्ताह के 5वें दिन भूगर्भ जल विभाग की ओर से विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। एक ओर जहां “आधुनिक खेती का तरीका” विषय पर किसान संगोष्ठी का आयोजन के साथ किसानों को अटल भूजल योजना से लगे “लॉ कॉस्ट नेट शेड हाउस” का भ्रमण कराके कम लागत में अच्छी फसल तैयार कर अधिक मुनाफा कमाने का तरीका बताया गया तो वहीं दूसरी ओर किसानों को जल शपथ दिलाकर खेती में माइक्रो इरीगेशन सिस्टम जैसे ड्रिप/स्प्रिंकलर/मल्चिंग तकनीक का प्रयोग कर पानी की खपत को कम करने की अपील की। इसी तरह शहर के अटल एकता पार्क, किला आदि सार्वजनिक स्थानों पर जन- जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को भूजल संरक्षण का संदेश दिया गया। लोगों ने सेल्फी फ्रेम के सामने अपनी फोटो क्लिक कर पानी बचाने का संकल्प लिया।
विकास खण्ड मऊरानीपुर की ग्राम पंचायत बम्होरी के पंचायत भवन में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि भूगर्भ जल विभाग के नोडल अधिकारी मनीष कुमार कन्नौजिया ने दीप प्रज्जवलित कर संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। किसानों को नेट शेड हाउस के लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि, नेट हाउस में तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे फसल को अनुकूल वातावरण मिलता है। साथ ही फसलों को कीटों, रोगों सहित अन्य हानिकारक तत्वों से बचाया जा सकता है। नेट हाउस में लगी फसलों की पैदावार खुले खेत में लगी फसलों की तुलना में अधिक होती है, जिसका किसान को सीधा लाभ मिलता है। सहायक भू-भौतिकविद आकाश दीप ने कहा नेट हाउस से किसान ऑफ सीजन में भी खेती कर सकते है। जिससे वह पूरे साल फसल उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खेती टेक प्राइवेट लिमिटेड के फैजान हुसैन एवं बृजेश जयसवाल ने कहा कि, नेट हाउस की फसलों में पानी कम लगने के साथ उसकी गुणवत्ता बेहतर होती है। नेट हाउस की फसलों को किसान प्राकृतिक आपदा जैसे ओलावृष्टि, बरसात एवं तेज हवाओं से बचा सकते हैं। नेट हाउस में खेती करने से कीटनाशकों और अन्य रसायनों का उपयोग कम हो जाता है, जिससे खर्च कम होता है।
अंत में आईईसी एक्सपर्ट मोहम्मद हैदर ने किसानों को जल शपथ दिलाकर खेती में माइक्रो इरीगेशन सिस्टम जैसे ड्रिप/स्प्रिंकलर/मल्चिंग तकनीक का प्रयोग कर पानी की खपत को कम करने का संकल्प दिलाया। इस मौके पर भूगर्भ जल विभाग के हाइड्रोलाजिस्ट भरत दीप, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट शैलेश कुमार सिंह, पंकज गौतम, राखी वर्मा, देवेन्द्र कुमार रायकवार, शोभित कुमार, राजकुमार, विक्रम सिंह, सौरभ कुंदू, दिव्या सिंह एवं लखन लाल, सहित भूगर्भ जल विभाग के समस्त लोग उपस्थित रहे।

*15 कुंतल खीरा बेच कमाए 49 हजार*

इस बीच किसानों को राम बहार कुशवाहा के खेत में लगे नेट शेड हाउस का भ्रमण कराया गया। उन्होंने नेट हाउस के अनुभव को साझा कर किसानों के सवालों के जवाब दिये। किसान राम बहार ने बताया कि, नेट शेड हाउस लगवाकर खीरे की पहली फसल लगायी थी। खीरे की फसल की पहली खेप 29 दिन में तैयार हो गई थी। 81 दिन लगी फसल में उन्होंने 40 रूपये किलो खीरा बेचा। इस तरह उन्होंने कुल 15 कुंतल खीरा बेच करीब 49 हजार रूपये कमाए। जिसमें उनको करीब 42 हजार रूपये का मुनाफा हुआ।

*सेल्फी क्लिक कर लिया पानी बचाने का संकल्प*

भूगर्भ जल विभाग की ओर से अटल एकता पार्क, किला आदि सार्वजनिक स्थानों पर जन- जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को भूजल संरक्षण का संदेश दिया गया। विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने लोगों को जल बचाओं के उपाये का ब्रोशर एवं पैम्फलेट वितरित कर जागरूक किया। इस बीच लोगों ने सेल्फी फ्रेम के सामने अपनी फोटो क्लिक करने के साथ पानी बचाने का संकल्प लिया।

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