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*जल प्रकृति का अद्भुत उपहार: उप निदेशक अर्थ एवं संख्या*

ByNeeraj sahu

Jul 16, 2025

*भूजल सप्ताह की थीम “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित”*

*जल यात्रा से वंचित बच्चों ने किया वार्षिक वन संरक्षण का पाठ*

*भूगर्भ जल विभाग की ओर से जन जागरूकता रैली द्वारा आयोजित किसान सप्ताह (16 जुलाई से 22 जुलाई) का शुभारम्भ*
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साझेदारी : पानी की जंग में, हम सब संग में। हम सबने ये ठाना है, पानी को बचाना है…। कुछ पर्यटन नारियों के बीच के बच्चों ने जल-यात्रा की, शहरवासियों को संरक्षण, संरक्षण और संरक्षण के लिए कुशल प्रबंधन का संदेश दिया। भूगर्भ जल विभाग की ओर से आज विशाल जन-जागरूकता रैली से कोयला सप्ताह (16 जुलाई से 22 जुलाई) का शुभारम्भ हुआ।
आज मुख्य अतिथि अर्थ एवं प्रोटोटाइप विभाग के उप निदेशक एसएन त्रिपाल ने हरी झण्डी स्थापना विकास भवन से जल यात्रा का शुभारंभ किया। रैली में सबसे आगे की थीम “जल सुरक्षित तो काला सुरक्षित” लिखा था, जिसके पीछे रघु सिंह इंट्रेस्ट काॅलेज, हाफिल इंट्रेक्टर काॅलेज, डेवी इंट्रेस्ट काॅलेज, राजकीय इण्टर काॅलेज, बल्देव भाई पटेल जूनियर एडाज़ा, लक्ष्मी मंदिर काॅलेज, जेजे पब्लिक स्कूल वा शिवा पब्लिक स्कूल आदि शॉल्स के करीब 500 ब्रांडेड किल्ड हैंड्स के स्कूल के नाम शामिल हैं। नारे के लिए-साथ-साथ चल रहे थे। रैली बीकेटी चौराहे से निकली हुई शेष झील पर जल निगम की स्थापना हुई।
मुख्य अतिथि एसएन त्रिपाल ने कहा कि, जल प्रकृति का अद्भुत उपहार है, जिसके बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है। किसी जीव या वनस्पति को वायु के बाद जल, जीवन रक्षा के लिए अति आवश्यक है। प्राचीन भारतीय संस्कृति में जल को जीवन माना जाता है, यही कारण है कि विश्व की सभी संस्कृतियों के विकास में जल के पत्तों का विशेष महत्व है।
भूगर्भ जल विभाग सर्वेक्षण खण्ड झाँसी के अधिकारी मनीष कुमार कैनिया ने कहा कि सृष्टि की कल्पना में जल के गुण नहीं पाये जा सकते। पर्याप्त मात्रा में जल संसाधन हैं, लेकिन जिस तेजी के साथ जनसंख्या और औद्योगीकरण हुआ उसी तेजी से पेट्रोलियम का दोहन भी बढ़ा है। ज़मीन के प्रबंधन के लिए लोगों को सलाह मिलके प्रयास करना होगा।
विभाग के सहायक भू-भौतिकीविद् आकाश दीपक ने कहा कि जन-शिक्षा में जल संरक्षण की व्यवस्था आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष भूमंडल सप्ताह में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उद्देश्य आम जनमानस में कृषकों के प्रति जागरूकता पैदा कर उनका व्यवहार बदलना है। हम लोगों को न केवल एकजुट वैज्ञानिक समूहों को संरक्षित करना होगा, बल्कि अपने दिनचर्चा में पानी का डुरूपयोग निषेध के साथ बारिश के पानी को संरक्षित करना होगा, ताकि हम आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित कल दे सकें।
विभाग के प्लाइलाजिस्ट भारत दीप ने कहा कि भूगर्भ जल विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई से 22 जुलाई तक मध्य कृषक सप्ताह मनाया जाता है। इस बार फिल्म वीक की थीम “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” रखी गई है। फॉक्स वीक में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनमानस को फिल्मांकन के प्रति वैज्ञानिक कर उनमें जल संरक्षण की सोच विकसित करना है।
इस काम पर श्रमिक एवं प्रयोगशाला शेखर ग्रिग, लाड्यू सीलिंग विभाग के सहायक अभियंता
महेश चंद बदानी, सहायक मानवेंद्र सिंह, आईईसी विशेषज्ञ मोहम्मद हैदर, एग्रीकल्चर प्रशिक्षु
शैलेश कुमार, कुमारी वर्मा, देवेन्द्र सिंह कुमार रायकवार, शोभित कुमार,
राजकुमार,
लाखन लाल, पंकज कुमार एवं मुदस्सिर अली सहित भूगर्भ जल विभाग के सभी लोग रियाकवार।
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