*बाल श्रम के खिलाफ लगातार दूसरी कार्यवाही 2 बाल श्रमिक रेस्क्यू किए गए *
बाल श्रम उन्मूलन से संबंधित अभियान के कार्यवाही के अंतर्गत झांसी जिलाधिकारी द्वारा गठित जिला टास्क फोर्स टीम जिसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण तिवारी, मानव तस्करी रोधी थाना झांसी से उपनिरीक्षक राम बाबू सचान और उपनिरीक्षक आनंद मोहन, महिला कांस्टेबल संध्या, बचपन बचाओ आंदोलन से सहायक प्रॉजेक्ट ऑफिसर मनीष कुमार वर्मा, बुंदेलखंड सेवा संस्थान से सपोर्ट पर्सन विकास निरंजन और शिवानी पोरवाल की संयुक्त टीम के द्वारा 31 दिसम्बर 2024 को दोपहर गोविंद चौराहे से 2 बच्चों को बालश्रम से रेस्क्यू किया गया ।
मौके पर पहुंची टीम को दुकानदारों द्वारा सही आयु न बताए जाने पर बच्चों के उम्र की सही निर्धारण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष भेजा गया जिसको मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मेडिकल कॉलेज में भेज कर बच्चों का मेडिकल कराकर उम्र का निर्धारण कराया गया तथा अग्रिम कार्यवाही के लिए बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।
बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी सदस्य है। बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रॉजेक्ट ऑफिसर द्वारा बताया गया कि किसी भी नाबालिक से बालश्रम कराना अपराध है जिसमें नियोक्ताओं को जेल भी हो सकती है बालश्रम कराने से बच्चो की शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य तथा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है जिससे बच्चों का विकास सही से नही हो पाता है और बच्चे समाज की मुख्य धारा से वंचित हो जाते है।
बता दे कि बालश्रम उन्मूलन अभियान के तहत ये लगातार दूसरी कार्यवाही की गई है जिसमें नियोक्ताओं के विरुद्ध बालश्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है। सरकार के मनसा के अनुरूप झांसी को बालश्रम मुक्त बनाने के दिशा जिलाधिकारी महोदय द्वारा गठित टीम जिला टास्क फोर्स द्वारा समय समय पर अभियान चलाया जा रहा है तथा मौके पर किसी भी प्रतिष्ठान में बालश्रमिक पाए जाने पर कार्यवाही की जा रही है।