*झांसी जिले की तहसील गरौठा में प्राइवेट कर्मचारियों की दबंगई*
*गरौठा झांसी* तहसील गरौठा के सभी कार्यालयों में प्राइवेट कर्मचारियों की दबंगई खुलेआम चल रही है सभी सरकारी कार्यालयों में प्राइवेट कर्मचारी लगे हुए हैं जो कि कहीं ना कहीं कार्यरत कर्मचारियों के रिश्तेदार या उनके संबंधी हैं दूर दराज ग्रामीण अंचलों से आने वाले ग्रामीणों को प्राइवेट कर्मचारी काफी परेशान करते हैं और कहते हैं अगर काम करवाना है तो हमारे हिसाब से सुविधा शुल्क देनी पड़ेगी अन्यथा आपका काम नहीं होगा वहीं इस सम्बन्ध में सम्बंधित सरकारी कर्मचारियों से बात करते हैं तो वह भी बात को टाल देते हैं संज्ञान में आने पर भी प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जबकि शासन की मंशा है कि किसी भी सरकारी कार्यालय में प्राइवेट कर्मचारी काम नहीं करेंगे प्राइवेट कर्मचारी इतने दबंग हैं की वह कहते हैं मेरी शिकायत आपको जहां करना हो वहां कर लो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है इन प्राइवेट कर्मचारियों को नहीं है प्रशासन का कोई भय वहीं कुछ माह पहले भी शिकायत की गई थी जिस पर तहसीलदार महोदय अतुल पाण्डेय ने सभी प्राइवेट कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था लेकिन तहसीलदार महोदय का स्थानांतरण होते ही पुनः तहसील गरौठा में प्राइवेट कर्मचारियों का बोल बाल हो गया है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्या यह सब अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा है। वहीं तहसीलदार के कार्यालय में तो प्राइवेट कर्मचारी इतने दबंग हैं कि वह दाखिल खारिज करवाने के लिए लोगों को 6 से 7 माह लगा देते हैं फिर भी काम नहीं होता है तथा प्राइवेट कर्मचारियों से कहने पर उक्त कर्मचारी दबंगई करते हैं व कहते हैं कि आपका काम नहीं होगा आपको जहां जाना है वहां चले जाओ ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले किसान क्या इसी तरह परेशान होते रहेंगे या फिर अधिकारीगण सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों को तहसील गरौठा से हटाते हैं।