सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 81 जोड़े बंधे दाम्पत्य सूत्र के बंधन में
** नवयुगल जोड़ों ने इस आयोजन का प्रतिभागी बन दहेज प्रथा जैसी बड़ी कुरीति को तोड़ने का किया कार्य : जिला पंचायत अध्यक्ष।
** अतिथियों द्वारा नव युगल जोड़ों को वितरित किए प्रमाण पत्र
झांसी : समाज कल्याण विभाग झांसी द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत “सामूहिक विवाह कार्यक्रम” का आयोजन जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम के मुख्य आतिथ्य में बुन्देलखण्ड महाविद्यालय, झांसी में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
इस दौरान मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकताओं में शुमार सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से गरीब एवं निराश्रित महिलाओं के विवाह की समस्याओं का निराकरण किया है। उन्होंने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत उन सभी 81 नवयुगल जोड़ों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी ने इस आयोजन का प्रतिभागी बन दहेज प्रथा जैसी एक बड़ी कुरीति को तोड़ने का कार्य किया है। यह बहुत ही खुशी की बात है कि एक ही मंच पर आप सभी को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम में सदस्य, विधान परिषद श्रीमती रमा निरंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत प्रतिभागी वर-वधुओं को बहुत-बहुत बधाई। आपका जीवन सुखमय, समृद्ध हो एवं आप अपने परिवार को सुचारू रूप से चलाते हुए आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि हमारी माताएं जो निराश्रित और गरीब है उनकी बेटियों की शादी की समस्या को दूर करने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी को 51 हजार की धनराशि में 35 हजार कन्या के खाते में, 10 हजार की विवाह सामग्री व 6 हजार रूपए खान-पान व्यवस्था हेतु प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिसके घर में बेटियां है तो उनके विवाह हेतु समाज कल्याण विभाग में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में रजिस्ट्रेशन कराकर इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लिया जा सकता है।
कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत रू 02.00 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा नगर निगम, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत (खण्ड विकास अधिकारी) तथा नगर पालिका परिषद / नगर पंचायत के माध्यम से निःशुल्क सम्पन्न कराया जाता है। इस हेतु शासन द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली सहायता रू0 51,000/- की धनराशि में से रू0 35,000/- कन्या के खाते में भेजे जाते हैं, रू0 10,000/- की सामग्री दी जाती है और रू0 6,000/- प्रति जोड़े की दर से विवाह आयोजन में व्यय होती है।ं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ हेतु समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट cmsvy.upsdc.gov.in पर आवेदन किया जाना अनिवार्य है। उक्त सहायता हेतु कन्या के अभिभावक उ०प्र० के मूल निवासी होने चाहिए, आवेदक के परिवार की आय 02.00 लाख वार्षिक से कम होनी चाहिए। विवाह हेतु कन्या की आयु 18 वर्ष तथा वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए, तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र आदि अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा नव युगल वर-वधुओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गये। इस समारोह में 81 जोड़े (70 हिन्दु जोड़े व 11 मुस्लिम जोड़े) दाम्पत्य सूत्र में बंधे।
कार्यक्रम के शुभारंभ पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव द्वारा मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव द्वारा उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, उप निदेशक समाज कल्याण विभाग एस0 एन0 त्रिपाठी, जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव, वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारीगण, कर्मचारीगण व भारी संख्या में नव युगल वर-वधु एवं उनके परिजन मौजूद रहे।