एसडीएम कोंच ज्योति सिंह का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निरीक्षण, दिव्यांगता के बावजूद अद्वितीय समर्पण ने लोगों का दिल जीता
जालौन :० जनपद जालौन की तेजतर्रार एसडीएम कोंच ज्योति सिंह, इन दिनों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रही हैं। सलैया, मऊ, महेशपुरा, और नदीगांव जैसे बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में उन्होंने मौके पर जाकर स्थितियों का जायजा लिया और बाड़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। बाढ़ से उत्पन्न गंभीर स्थिति के बावजूद, उनका सक्रिय रूप से मैदान में उतरना, लोगों की समस्याओं को सुनना और समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई करना, जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
लोगों के मन में एक बड़ा सवाल बार-बार उठ रहा है कि दिव्यांगता के बावजूद एसडीएम ज्योति सिंह इतनी सक्रिय कैसे हैं? उन्होंने हर चुनौती को स्वीकार किया और बिना रुके बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा जारी रखा। लोगों का कहना है कि शायद जिले में पहली बार ऐसा अधिकारी देखने को मिल रहा है, जो अपनी शारीरिक असमर्थता को पीछे छोड़ते हुए अपने कर्तव्यों को पूरे जोश और समर्पण के साथ निभा रहा है।
*एसडीएम कोंच ज्योति सिंह ने किया जनता से संवाद*
एसडीएम ज्योति सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर न सिर्फ स्थिति का मुआयना किया, बल्कि लोगों की समस्याओं को समझा और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासनिक टीम को निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जाए, और किसी भी व्यक्ति को राहत से वंचित न रहने दिया जाए।
लोगों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा, “यह कठिन समय है, लेकिन प्रशासन हर कदम पर आपके साथ है। आप सभी सुरक्षित रहें, प्रशासन की ओर से लगातार सहायता और सुरक्षा प्रदान की जा रही है। कृपया सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
*एसडीएम कोंच की कार्यशैली ने जीता सर्किल के लोगो का दिल*
एसडीएम कोंच ज्योति सिंह की कार्यशैली और समर्पण ने बहुत ही कम समय में क्षेत्र के लोगों के दिलों में गहरी अमिट छाप छोड़ी है। जहां एक ओर वह दिव्यांगता से जूझ रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनका अद्वितीय नेतृत्व और सेवा भाव जनता के लिए प्रेरणा बन चुका है। लोग उनकी कार्यक्षमता और समर्पण की हर जगह भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।
उनके इस समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि विकलांगता किसी भी व्यक्ति की सेवा भावना और समर्पण को बाधित नहीं कर सकती। ऐसे अधिकारियों के नेतृत्व में क्षेत्र की जनता को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में एक नई आशा और विश्वास मिला है।