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* खरीफ किसान पाठशाला के दूरगामी परिणाम होंगे, अधिक से अधिक किसान पाठशाला का लाभ उठाएं

ByNeeraj sahu

Jun 6, 2024

** खरीफ किसान पाठशाला के दूरगामी परिणाम होंगे, अधिक से अधिक किसान पाठशाला का लाभ उठाएं

** जनपद की 496 ग्राम पंचायतों में खरीफ किसान पाठशाला का हुआ शुभारंभ, अपराहन 04 से 07 बजे तक लगेगी क्लास

** खरीफ किसान पाठशाला में तैनात किए गए समस्त अधिकारी समय से हुए उपस्थित

** भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के अन्तर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती योजनांतर्गत कृषकों को दी जाए जानकारी

** गौ आधारित खेती करने के लिए कृषकों को पाठशाला के बाद क्षेत्र का भ्रमण कराकर उक्त पद्धति अपनाए जाने हेतु किया प्रेरित

** गौ आधारित खेती के माध्यम से खेती की लागत होगी कम और मुनाफा होगा दोगुना एवं भूमि में सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या में भी होगी बढ़ोत्तरी

आज जिलाधिकारी अविनाश कुमार के निर्देश पर जनपद में खरीफ किसान पाठशाला का आयोजन दिनांक 06 जून 2024 से जनपद की समस्त 496 ग्राम पंचायतों में प्रारंभ हुआ। उन्होंने कृषकों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसान उक्त पाठशाला में प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने किसान प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती-किसानी की लागत कम करने के प्रयासों में खरीफ किसान पाठशाला की महती भूमिका है, पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीकी की जानकारी देते हुए खेती को आसान किए जाने पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि यंत्र पर 50% से लेकर 80% तक का अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है, उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि छोटे-छोटे किसान संगठित होकर एफपीओ गठित करें और कृषि यंत्रों का लाभ लें ताकि खेती कार्य में सुधार के साथ ही उत्पादकता में बढ़ोतरी हो।
संपूर्ण जनपद में दिनांक 06 जून 2024 को उप कृषि निदेशक एमपी सिंह की अध्यक्षता में खरीफ किसान पाठशाला का शुभारंभ किया गया, जिसमें उन्होंने खरीफ किसान पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीक और जानकारियां उपलब्ध कराते हुए किसानों की फसल को और बेहतर बनाने के साथ ही फसल की उत्पादकता बढ़ाए जाने के विषय में बताए जाने के निर्देश दिए।
ग्राम गढ़मऊ विकासखंड बड़ागांव में आयोजित खरीफ किसान पाठशाला में जानकारी देते हुए डीडी कृषि ने बताया कि गौ आधारित खेती करने वाले कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराकर अधिकाधिक कृषकों को उक्त पद्धति अपनाये जाने हेतु प्रेरित करना शासन की प्रथम वरीयता है, गौ आधारित प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किये जाने हेतु हेल्पलाइन स्थापित किये जाने की जानकारी भी किसानों को दी। पाठशाला में उपस्थित कृषकों को गौ आधारित खेती में उपयोग किये जाने वाले जीवामृत/धन जीवामृत तैयार करने का प्रदर्शन एवं बीजामृत से बीजों का शोधन करने की जानकारी दी गई। खरीफ किसान पाठशाला में प्रतिभाग करने वाले कृषकों को प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जीवामृत् तैयार किये जाने के साथ ही उसके उपयोग की विधि को भी कृषकों से साझा किया।
खरीफ किसान पाठशाला में गौ आधारित खेती करने वाले तथा गौ आधारित खेती के इच्छुक कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लाभ कृषकों से साझा करते हुए इस पद्धति से खेती करने हेतु कृषकों से अनुरोध किया गया।
इस अवसर पर डीडी कृषि ने किसानों को बताया कि पाठशाला में उपस्थित होकर विषय वस्तु विशेषज्ञों व अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा नई-नई जानकारी दी जाएगी। उसे आत्मसात करते हुए उसे अपनी खेती किसानी में शामिल करें ताकि अधिक से अधिक लाभ हो।
इस मौके पर ग्राम प्रधान , प्राविधिक सहायक आस्था तिवारी, अनुज श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में महिला कृषक उपस्थित रहीं।
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