जालौन में दिखा दरोगा का क्रूर चेहरा, दलित युवक को बेरहमी से पट्टे से पीटा
0 पड़ोसी की शिकायत करने थाने पहुंचा था पीड़ित
0 लेकिन दरोगा ने पड़ोसी से मिलकर कर दी दलित युवक की बेरहमी से पिटाई
जालौन में पुलिस का क्रूर चेहरा देखने को मिला, जहां पड़ोसी की शिकायत करने थाने पहुंचे एक दलित युवक को दरोगा ने बेरहमी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। युवक की हालात जब मरणासन्न हो गई तक दरोगा ने युवक को छोड़ा। जिस पर पीड़ित ने उरई आकर उच्चाधिकारियों को इस मामले में जानकारी दी, लेकिन अभी तक पुलिस के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान नहीं लिया। मामला गोहन थाना कस्बे का है। बताया गया है कि कस्बे का ही रहने वाले दलित युवक करण सिंह दोहरे फल की ठिलिया लगाकर अपना जीवन यापन कर रहा था, उसके सामने रहने वाले दबंग वीरेंद्र ने करन के घर के दरवाजे के बाहर जानवर बाधने ने लिये खूटा गाढ़ लिया, जिससे करन को अपनी ठिलिया निकालने में परेशानी होने लगी जिसकी शिकायत कई बार करन ने वीरेंद्र से की लेकिन वीरेंद्र आए दिन लड़ाई झगड़े पर आमदा हो जाते थे, ऐसा ही आज हुआ जब करन फल की ठिलिया निकालने के लिए निकला उसी दौरान वीरेंद्र के जानवर बंधे हुए थे जिन्हें हटाने के लिए उसने कहा तो वीरेंद्र ने करन के साथ मारपीट कर दी मारपीट की शिकायत लेकर करन गोहन थाने पहुंचा जहां पर दरोगा कमल किशोर मौजूद थे और पहले से ही वीरेंद्र के साथ बैठे थे जैसे ही करन ने वीरेंद्र की शिकायत की दरोगा ने करन को ही पकड़ लिया और उसे ले जाकर एक कमरे में बंद करके पट्टे से जमकर पिटाई की जिससे उसकी हालत मरणासन्न हो गई और वह बेहोश हो गया बेहोशी की हालत देखते हुए दरोगा ने सिपाहियों की मदद से पानी डालते हुए उसे होश में लाया और घर भेज दिया। जब पीडित घर पहुंचा तो, उसने परिजनों से बात करते हुए पूरा मामला बताया और वह गोहन थाना प्रभारी राजीव वैश्य के पास पहुंचा लेकिन थानाध्यक्ष ने भी पीड़ित की बात नहीं सुनी, बल्कि उसका 151 में चालान कर दिया। इस मामले में गोहन थाना प्रभारी राजीव वैश्य का कहना है कि करण और वीरेंद्र की आपस में मारपीट हुई थी जिसमें दोनों पक्षों को लाया गया था जिसमें दोनों पक्षों का 151 में चालान कर दिया गया मारपीट के आरोप बेबुनियाद हैं, करन के साथ किसी भी दरोगा ने मारपीट नहीं की है, बल्कि करन ने वीरेंद्र की लड़की के साथ गाली गलौज की थी। वहीं थानाध्यक्ष राजीव वैश्य मारपीट को सिरे से खारिज कर रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि उसके शरीर पर जो चोटों के निशान आए हैं वह कहां से आए हैं फिलहाल इस मामले की शिकायत पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से की है मगर उच्चाधिकारियों ने अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की है।