जल संस्थान : मैडम की दर पर चढ़ोतरी का चमत्कार
1जल संस्थान झाँसी डिविजन झाँसी में महाप्रबंधको ने बनाए हैं भ्रष्टाचार के नये-नये रिकॉर्ड शासन स्तर पर चल रही हैं जांचे
2 जल संस्थान की नयी मैडम (जी एम) नये रिकॉर्ड बनाने में माहिर ; नहीं है योगी सरकार के खौफ का कोई असर;
झाँसी जल संस्थान झाँसी डिवीजन झाँसी के महाप्रबंधको को लगता है कभी भी सत्ता व सरकार का भय नहीं रहा है तभी तो करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की जांच आज भी चलने के बावजूद नयी मैडम (जी एम) को भी योगी सरकार की मंशा का कोई भी नहीं है
सरकारें आई गयी और जल संस्थान में भी परिवर्तन होते रहे मगर जल संस्थान झांसी मंडल एवं बांदा मंडल में महाप्रबंधको द्वारा भ्रष्टाचार के नये नये रिकॉर्ड बनाए गए जांचे चली और खत्म भी हुई आज भी योगी सरकार में जल संस्थान के आला अधिकारियों के खिलाफ करोड़ों रुपए की जांच की जा रही है इन सब जांचों व योगी सरकार की मंशा का तनिक भी डर नयी महाप्रबंधिका मैडम श्रीमती मंजू रानी गुप्ता को नहीं है उन्होंने अपने दर पर चढ़ोत्तरी को ही चमत्कार मान काम करना शुरू कर दिया हैं l
सूत्रों को जब सच्चाई जानने के लिए लगाया सूत्रों से चौंकाने वाले राज पता चले जो समाज व सरकार के सामने आना अत्यंत आवश्यक। सूत्रों के मुताबिक बताया की जल संस्थान की मैडम की दर पर चढ़ोत्तरी का ही चमत्कार हैं जो अधीनस्थ नहीं माना वह तत्काल शिकार भी हो रहा है उनकी नजरों में अच्छा व बुरा या सही गलत कुछ नहीं है बस आने दो एक ही फार्मूला पर तत्काल कार्य हो जाते हैं काहे की सरकार और काहे के आला प्रशासनिक अधिकारी मंडलायुक्त का भी कोई डर नहीं क्योंकि सेवानिवृत्त को ही एक वर्ष बचा है भ्रष्टाचारो कि जांचों से शायद उन्हें डर नहीं है l
मैडम जल संस्थान ने महाप्रबंधक का चार्ज संभालते ही अपने मसूबो को खुलेआम जता दिया था पांच दिन के भीतर ही मैडम श्रीमती मंजूरानी गुप्ता ने मुख्यालय (जी एम ऑफिस) के सर्वप्रथम विकास कार्यो की समीक्षा नहीं की सीधा अपने सचिव कुलदीप सिंह के वित्तीय अधिकारी छीन लिए और सामान्य पत्राचार के लिए कुलदीप सिंह को सचिव बनाए रखा है जबकि लेनदेन मैडम ही देखेंगी मैडम की चर्चा झांसी डिविजन जल संस्थान झाँसी में अंदरखाने जोड़ पकड़े हुए हैं कर्मचारियों बाबुओं व सहायक अभियंताओं में भारी उबाल है मगर बिचारे कहे तो किसकी कहें विभाग की जो इज्जत का सवाल है l
जल संस्थान की मैडम श्रीमती मंजू रानी गुप्ता का चढ़ोत्तरी प्राप्त करने का नशा इस कदर चढ़ा है की उरई जल संस्थान उरई के अधिशासी अभियंता व निवर्तमान महाप्रबंधक (चार्ज) मनोज कुमार आर्या के शासन द्वारा सहारनपुर महाप्रबंधक पद पर स्थानान्तरण के तत्काल बाद वही की वही किया उरई जल संस्थान के अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकारी अपने पास ले लिए और काठ का उल्लू ढूढने में लग गयी मैडम का मिशन चढ़ोत्तरी परवान चढ़ा और उन्होंने एक वरिष्ठ सहायक अभियंता (AE) बाद्रीवाल को उरई जल संस्थान उरई का अधिशासी अभियंता का चार्ज सौंप दिया और अपनी मासूबो को पूरा करने के लिए जैसे ही अधिशासी अभियंता (प्रभारी) बाद्रीवाल (मो नं 8114002469) पर दबाव बनाया वे योगी सरकार की मंशा को देख मैडम की डिमांड पूरी करने में खड़े ना उतर सके और ना करने पर मैडम के गुस्से का शिकार बन बैठे चढ़ोत्तरी मिशन में फेल बाद्रीवाल को मैडम ने अपने मुख्यालय में ही दरबारी (अटैच) बना दिया यही नहीं उनका 1 दिन का इंक्रीमेंट (1 दिन की वेतन वृद्धि) रोक कर एक और सजा से दंडित कर दिया जिससे वरिष्ठ सहायक अभियंताओं में रोष हैं और चर्चाएं जोरों पर हैं भ्रष्टाचार कहां जाए या हिटलरशाही मैडम ने अपने चढ़ोत्तरी के चमत्कार को जारी रखते हुए सारे कायदे कानून ताक पर रखकर उरई के अपने विश्वासपात्र एक अवर अभियंता को प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी अभियंता बना डाला जबकि जल संस्थान में तीन वरिष्ठ सहायक अभियंता (AE) प्रवीण यादव बाद्रीवाल और अनिल कुमार झाँसी जल संस्थान में आज पदस्थ हैं जिनमें वरिष्ठ सहायक अभियंता प्रवीण यादव ललितपुर में बतौर प्रभारी अधिशासी अभियंता भी रह चुके हैं और फिर वही वित्तीय अधिकारी मैडम ने अपने पास ही रखे हैं क्योंकि चढ़ोत्तरी का चमत्कार जो दिन-प्रतिदिन परवान चढ़ता ही जा रहा हैं दुर्भाग्य यह है कि तीनों वरिष्ठ सहायक अभियंता की अपने अधिकार का सम्मान के सिर मंडलायुक्त की चौखट तक जाने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं सबके सब बकरा बने खड़े हैं l
आज उत्तर प्रदेश शासन में सर्वाधिक बदनामी का देश जल संस्थान झाँसी व बांदा मंडल फेल रहा है बावजूद इसके मैडम श्रीमती गुप्ता को योगी सरकार का जरा भी डर नहीं है जबकि उन्हें भी पता है कि वर्तमान में करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच आज भी चल रही है भले रहे महाप्रबंधक राधेश्याम सक्सेना जो सेवानिवृत्त के पहले ही बीआरएस लेकर इस दलदल से निकल गए उन्होंने बताया कि भाजपा के कद्दावर नेता एडवोकेट रानू देवरिया सभासद अशोक पलया पूर्व पार्षद सीमा वर्मा एवं समाजसेवी हरिओम नगाइच के अथक प्रयासों से तत्कालीन जल संस्थान के महाप्रबंधक बीएन द्विवेदी के भ्रष्ट रवैया व भ्रष्टाचार की जांच के बाद तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता द्वारा शासन स्तर पर की गई कार्रवाई व तत्कालीन प्रभारी मंत्री श्री मृकुटी तन्ने को योगी सरकार ने बर्खास्त किया था यही नहीं मंडल आयुक्त अमित गुप्ता ने जांचपरोन्त तत्कालीन महाप्रबंधक बी एन द्विवेदी नियमनुसार पंजीकृत फर्मो की जांच कराई जिससे 6 पंजीकृत फर्मे ब्लैक लिस्ट की गई थी जो वर्षों से शासन के नियम विरुद्ध जल संस्थान के आला अधिकारियों की मिलीभगत व अपने रसूख के चलते करोड़ों का काम कर चुकी थी l
वही आज फिर पुराना जिला (कानपुर का एक ठेकेदार) जिसकी दो फर्म साहाश व अनेक आरोपों के सत्य पाए जाने पर ब्लैक लिस्ट की गई थी आज एक बार फिर मैडम के आशीर्वाद से योगी सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए चढ़ोत्तरी का चमत्कार मिशन में शामिल होकर नये-नये गुल खिलाना शुरू कर दिए हैं यहां यह बताना आवश्यक है कि कानपुर कि यह दोनों फर्मे झाँसी व बाँदा मण्डल के जल संस्थान विभाग में फर्जी बैंक गारंटी के सबूत पाए जाने के कारण विभाग से ब्लैक लिस्ट की गई थी बावजूद इसके मैडम का चढ़ोत्तरी मिशन सिर चढ़कर बोला और मैडम ने स्वयं उक्त ब्लैक लिस्टेड फर्मो का भुगतान भी कर दिया जिससे कुछ ठेकेदारों में गहरा रोष रहा l
योगी सरकार की मंशा के विपरीत जाकर काम करने में शायद मैडम श्रीमती गुप्ता को महारथ हासिल है पर जब यह बात सदर विधायक रवि शर्मा को पता चली तो उन्होंने मैडम को कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया पर शायद मैडम को ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों का डर है और ना ही प्रशासनिक आला अधिकारियों का चढ़ोत्तरी का चमत्कार सिस्टम पर मैडम धर चुकी हैं यही नहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि एक साल बाद मैडम की सेवानिवृत्त भी है सो जो हो जाए वह कम ही समय जाए हां मैडम किसी से कम नहीं है मैडम श्रीमती गुप्ता है इसके पूर्व कानपुर रही हैं मैडम श्रीमती गुप्ता इसके पूर्व मथुरा रह चुकी हैं मथुरा में जब जल संस्थान की महाप्रबंधक रहते हुए उनके भ्रष्ट कारनामों के चलते शासन ने उन्हें बांदा जल संस्थान में अटैच कर दिया था इसलिए यह कहना गलत न होगा कि मैडम का खेल खेलने का तो पुराना रिकॉर्ड है l
देखना यह है कि योगी सरकार ऐसे निरंकुश महाप्रबंधक पर क्या दण्डत्मक कार्रवाही अमल में लाती है और मैडम का रसूख कहां तक रंग लाता है फिलहाल लगता है कि मंडलायुक्त झांसी जिलाधिकारी गण इन क्रियाकलापों से पूर्णता अनमिज्ञ हैं l