झांसी l अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बुन्देलखण्ड मातृभूमि समाज सेवी के प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी वस्ती में फल वितरण का कार्यक्रम किया गया। जिसमें वहां रहने वाले सभी बच्चो को फल देकर महिला दिवस मनाया गया।शुभम गौतम ने महिला को शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित किया। आरती अहिरवार ने लोगों से आह्वान किया की लड़की को शिक्षित करते है तो हम पूरे परिवार को शिक्षित करते है।समाज शिक्षित होगा तो सामाजिक कुरीतियां खत्म हो सकती हैं।समाज कार्य विभाग के आयुष उपाध्य,कृष्णा वर्मा ने कहा की महिलाओं को बराबर के हक तो हैं लेकिन अधिकतर महिलाओं को अपने अधिकारों का ही पता नहीं होता। उन्हें जागरुक भी करना पड़ेगा। परीक्षाओं के परिणाम साक्षी हैं कि आज अधिकतर परिणामों में पहला स्थान लड़कियों के नाम ही रहता है। अगर बहू को बेटी माना जाए तो सामाजिक कुरीतियां और दहेज से जलने वाली महिलाओं की दर शून्य हो सकती है। आज का शिक्षित समाज भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा को बंद करने के लिए आगे ही रहा है। अशिक्षितों को दहेज के खिलाफ जागरुक करने की जरूरत है।आभार रजत गौतम द्वारा किया गया।
Post Views: 18