गुरसरांय (झाँसी) मामला झाँसी की तहसील गरौठा के अंतर्गत गुरसरांय का है जहा नगर पालिका के अधिशासी अभियंताअधिकारी ब उनके कर्मचारी मोटी रकम कमाने में जुटे हुए है सूत्रों से मिली जानकारी में आपको बता दे कि कुछ समय पहले नगर पालिका के बाबू योगेंद्र मिश्रा घोटाले में सस्पेंड हुये थे लेकिन बो एक दो साल बाद अधिकारियों से साँठ गांठ करके बो बहाल हो गए बहाल होते ही उन्हें पैसे कमाने का जुनून सबार हुआ । इसके बाद उन्होंने सरकारी काशीराम कालोनी के नाम पर गरीबो से आबास की रजिस्ट्री के लिए 20 ,20 हजार रुपये लिए । लेकिन काफी समय गुजरने के बाद भी बो किसी गरीब की आबास की रजिस्ट्री न करा सके और न ही पैसा लौटाया ।इसके बाद अपने स्वार्थ के लिए इन्होंने तालाब के पास बने बॉबी पान बाले के मकान की बाउंड्री बिना नोटिस दिए उसे सुबह 8 बजे नगर पालिका की j c v के दुआरा तुड़बा दी गयी बेसे तो नगर पालिका में कोई सरकारी कर्मचारी 10 बजे के पहले नही आता है लेकिन अपने स्वार्थ के लिए ऐसा किया गया ।इनका स्वार्थ ये था कि बॉबी के मकान के पीछे नगर पालिका के कर्मचारी का पीछे खेत था जिसमे निकलने के लिए जगह नही थी तो उसे तुड़बा दी । और कह दिया कि ये अबैध है इनका इतने में भी पेट जब नही भरा तो इन्होंने मोठं रोड पर रह रहे रामप्रकाश पुत्र कुंवर लाल की पहली किस्त शौचालय बनबाने के लिए आये 4000 रुपये भी नही दिए । शौचालय बनाने के लिए आये पैसा को एक साल हो गया ,अब ये लोग जिलाधिकारी के नाम का सहारा लेकर काशीराम कालोनी में आकर गरीबो का आबास खाली कराने के लिए धमकी दे रहे है और पैसे की मांग कर रहे है पैसा न देने पर जबरदस्ती आबास खाली करबाए जा रहे है कल दिनाक 27,09,2018 को शाम 5 बजे काशीराम कालोनी में रह रहे पत्रकार को धमकी देने पहुँचे थे तीन चार प्राइवेट गुंडो के साथ लेकिन बेइज्जत होकर लोटे थे इनका कहना है कि जिलाधिकारी महोदय का आदेश है कि अबैध कब्जा हटाया जाए लेकिन जब मैने इस मामले में अधिशाषी अभियंता अधिकारी से बात की तो उन्होंने इस बात को नकार दिया और कहा कि ये आदेश मेरा ही है किसी अधिकारी का ऐसा कोई आदेश है ही नही ,लेकिन शायद ये भूल गए कि अबैध कब्जा बड़े आदमी करते है गरीब नही , गरीब ब्यक्ति तो सिर्फ बड़े लोगों के जुल्म का शिकार होते है अगर इसकी सही ढंग से जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।
रिपोर्ट – मुकेश कुमार
ग्रामीण एडिटर – धीरेन्द्र रायकवार