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एक अकेला इस शहर में:इं.पवन यादव की भूख हड़ताल प्रारम्भ,जेल से लडेगा चुनाव,भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना गुनाह हो गया… neeraj sahu 

इं. पवन यादव की भूख हड़ताल प्रारम्भ , जेल से लडेगा चुनाव 

फिर हुयी शांति भंग , पुलिस कप्तान से वेवाकी पर पुलिस ने की कार्यवाही 

– सुनना ही नहीं चाहते अधिकारी या पवन से भयभीत

हैं ?

झाँसी ! इंजी. पवन यादव को नबावाद पुलिस ने शांति भांग के अंतर्गत चालान कर जेल भिजवाने में सफलता प्राप्त की। गत दिवस थाना नबावाद अंतर्गत पुलिस कार्यालय पर हंगामा करते हुए पवन को हिरासत में लिया गया , बाद में मानवाधिकार के पहलु पुलिस अभिरक्षा में दिव्यांग नजर आगे ! आनन-फ़ानन में चालान काट पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर कर पवन को जमानती न मिलने के कारण जेल जाना पड़ा !

थानों मे पुलिस की अपनी शैली हमेशा प्रचलित रही है ! शासन भले बदल गया हो पर पुलिसका ढर्रा आज भी नहीं बदला ! नबावाद पुलिस ने शांति भंग के अंतर्गत सीपरी निवासी इंजी. पवन यादव को कप्तान के आदेश पर शांती भंग के आरोप पर चालान कर जेल भिजवाने में सफलता प्राप्त की ! गत साम हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने इसकी सूचना पवन के घर देना बाजिब नहीं समझी, मोबाइल आदि सामान भी उससे जमा करा लिया गया ! रात्री में मानवाधिकार के निर्देशों का पालन नहीं हुआ और सुबह पुलिस ने इतनी शीघ्रता दिखाई की पवन को नगर मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर पहली पाली में ही जमीदारों या पवन के अधिवक्ता की गैर मौजूदगी में ही उसे जेल भेज दिया ! जेल में पहुंचे पवन ने भूख हड़ताल प्रारम्भ कर दी !

महानगर में पिछले एक वर्ष से चर्चाओं में आये पवन यादव के संघर्ष और आन्दोलन की चर्चाएँ सार्वजनिक हैं लेकिन ” बहुत ही कठिन है डगर पनघट की ” वाली कहावत काम करने वाले इं. पवन यादव पर सटीक बैठती है ! पिछले एक वर्ष से वह यह भली-भाँती जानता है कि इस रास्ते पर जोखिम जान के भी हैं फिर भी वह निर्भीकता से आगे बड़ता जा रहा है ! भर्ष्टाचार मुक्त जनपद का सपना संजोये इस युवक का जूनून पुलिस वा प्रशासन के अधिकारिओं के लिए भी सर दर्द बन गया है ! एक ओर काम करने वाला पवन कच्ची दारु (शराब) बंदी के साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के क्रम में भी एक कदम आगे पहुँच चुका है। अभी हाल ही में शिक्षा विभाग के एक स्टेनो को उसने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़वाने में सफलता अर्जित की है ! जनपद के जिलाधिकारी ने इस वावत पवन को बधाई भी दी लेकिन सुरक्षा की मांग कर रहे पवन को पुलिस कप्तान से भेंट करना भारी पद गया ! कारागार में भूख हड़ताल जारी करने वाले पवन ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध उसकी जंग जारी रहेगी ! वह जेल के अन्दर रहकर ही महापौर का चुनाव लडेगा ! उसने कहा जनता के लिए उसका जीवन समर्पित है ! बहार आया तब भी रुकनेवाला नहीं हूँ। काले चेहरों वालों को बेनकाब करना , सफेदपोश माफियाओं का चिठ्ठा खोलना जारी रहेगा !

क्या अपराधी बनाने के लिए जारी है पुलिस कार्यवाही ?

इंजी.पवन यादव पर एक वर्ष पूर्व कोइ अपराधिक आरोप या पंजीकृत पुलिस शिकायत नहीं थी ! अपने कारोबार के साथ कच्ची शराब बंदी के लिए संघर्ष प्रारंभ करने वाले पवन यादव ने गुजरे विधान सभा में चुनाव क्या लड़ा , वह आम जनता और नेताओं की नजर में आया ! इतना ही नहीं बिना पर्चा और खर्चा के चर्चा में रहने वाला इंजी. युवा को आमजन का सहयोग और आशीर्वाद मिला तो चुनाव भले वह हारा लेकिन भ्रष्टाचार के विरुध्य उसकी जंग का जूनून सर चढ़ कर बोलने लगा जो तत्कालीन जिलाधिकारी , एसएसपी और थानाध्यक्ष के साथ इन दिनों वर्तमान अधिकारिओं को भी रास नहीं आ रहा है ! सीपरी थानाध्यक्ष , जिलाधिकारी , एसएसपी और एलआईयू निरीक्षक पर पक्षपात का आरोप लगा रहे पवन को आखिर उसके नेक इरादों में सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है ! जनता वा भगवान् हर पल उसके साथ है ! उसने कहा जब से उसने जनता के लिए अपना जीवन जीने का काम शुरू किया है तब से माफिया और भ्रष्ट खाकी वाले भौख्ला गए है ! उसी का परिणाम है उसपर फर्जी मुकद्दमे ? क्या पुलिस की इस तरह कार्यवाही का राज पवन को अपराधी बनाने का तो नहीं ?

neeraj sahu

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