झांसी नगर आयुक्त जी फोन पर कहते हैं सभी हार्डिंग इलाइट पर फर्जी लगी हैं,कारवाई एक पर क्यों ?
उ.प्र झांसी l नगर निगम के चुनाव आते ही सरगर्मियां तेज हो गई हैं शासन ने भी ठान रखी है वह पूरी तरह से वर्तमान सरकार के साथ है l नगर आयुक्त साहब फोन पर कहते हैं कि इलाइट चौराहा की सारी हार्डिंग अवैध रूप से लगी हुई है l लेकिन कार्यवाही के नाम पर वह चुप रहते हैं l लेकिन उन्होंने इलाइट चौराहा की होर्डिंग ना हटाते हुए देर रात 11:00 बजे के लगभग आम आदमी पार्टी की लगी एक होडिंग को हटा दिया जिससे बवाल की स्थिति पैदा हो गई l मामले की जानकारी होते ही पार्टी कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी मौके पर पहुॅच गयें। भीड़ इकठ्ठी होते देख दस्ते में शामिल उप नगर आयुक्त, विज्ञापन प्रभारी आन्नद सिंह और योगेन्द्र सिंह भाग गयें। इधर नगर निगम के कर्मचारीयों को भी कुछ समझ नही आया। मामले की जानकारी नवाबाद पुलिस को दी गयी। इसके बाद नगर निगम कर्मचारियों को इलाईट चौराहे पर रोंक कर पूछताछ की तो कर्मचारियों ने बताया कि सिर्फ उसी हार्डिग को हटाने के आदेश दिये गये थे। इस सम्बन्ध में जब झांसी के नगर आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया, उप नगर आयुक्त, विज्ञापन प्रभारी आन्नद सिंह और योगेन्द्र सिंह को फोन लगाये गये, तो कई बार फोन लगाने के बावजूद बार-बार फोन काट दिया गये । जबकि इलाईट चौराहे पर ही कई अवैध होर्डिग नगर निगम के दस्ते की ठीक पीछे मूहॅ चिढ़ा कर खड़ी रही, बावजूद इसके नगर निगम के दस्ते ने एक भी अवैध होर्डिग को नही हटवाया ।
मामले में क्या कहा नगर सचिव कैलाश कुशवाह ने….. इस मामले में पार्टी के नगर सचिव ने कहा कि देर रात हुयी इस एक तरफा कार्यवाही से जहॉ एक तरफ आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं में गुस्सा है l उन्होने कार्यकताओं से अपील की कि सभी कार्यकर्ता अपनी पूरी ठोस रणनीति से जुट जायें ।
उप नगर आयुक्त और विज्ञापन प्रभारी पर भी है भ्रष्टाचार के संगीन आरोप…… दरअसल झांसी नगर निगम कई मामलों के अलावा विज्ञापन के ठेकों को लेकर भी संगीन आरोप लगते रहे है। इस मामले में पूर्व नगर आयुक्त और वर्तमान नगर आयुक्त, आगरा अरूण प्रकाश से लेकर वर्तमान नगर आयुक्त के अलावा उप नगर आयुक्त, विज्ञापन प्रभारी आनन्द सिंह की भूमिका मुख्य तौर पर शामिल रही है। भा.ज.पा नेता के एक करीबी को झांसी में ठेका दिलवाने के लिये नगर निगम के आयुक्तों और अधिकारियों ने सभी नियमों को तक पर रखकर गाजियाबाद की एक भ्रष्ट कम्पनी को ठेंके दे दियें। इस मामले में दायर एक याचिका में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने भी नगर निगम के भ्रष्टाचारियों को कड़ी फटकार लगायी है। यहॉ तक कि उक्त मामले में नगर निगम और गाजियाबाद की कम्पनी मिडास ने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया और देश के जाने-माने वकील सलमान खुरशीद को अपने पक्ष मे खड़ा किया लेकिन भ्रष्टाचारियों को सुप्रीम कोर्ट से भी निराशा हाथ लगी