झाँसी । गोरखपुर के बीडीएस अस्पताल में हुई बच्चों की मौत से पूरे देश में हड़कंप मच गया। इस वारदात में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई।
देशभर के अस्पताल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया लेकिनझाँसी का जिला अस्पताल कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। वह शायद यहां भी इसी तरह की किसीघटना की पुनरावृत्ति का इंतजार कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के बुंदेलखंड झाँसी-कानपुर क्षेत्र के मंत्री सुधीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जिला अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं का खाका खींचा है। उन्होंने बताया कि यहां पदस्थ मुख्य
चिकित्सा अधीक्षक डा. बी.के. गुप्ता के अविवेकपूर्ण निर्णयों कारण स्टाफ में रोष व्याप्त है। चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्थाएं जर्जर हैं। ऑपरेशन यान चालू होने के दौरान यदि लाइट चली जाए तो घंटों तक जनरेटर चालू नहीं किया जाता। ऐसी स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है। सरकार की ओर से समुचित फंड आवंटित होने के बाद भी डीजल की खरीद का भुगतान समय से नहीं हो पाता। यही नहीं ऑपरेशन के लिए मरीज के तीमारदारों से ही दवाएं, इंजेक्शन, ग्लव्स, वीटाडीन, स्क्रब, स्प्रिट तथा टांके लगाने के धागे मंगवाए जाते हैं। यह सामान भी पूर्व में तय मेडिकल स्टोर से मंगवाया जाता है। दूसरी जगह से मंगवाने पर उसे अमान्य करार दे दिया जाता है।
आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सीएमएस यहां 1999 में बतौर चिकित्सक तैनात हैं
जबकि हाईकोर्ट के आदेशानुसार किसी भी चिकित्साधिकारी को 10 वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर नहीं रखा जा सकता। इसके बावजूद महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के गोपन विभाग ने कंप्यूटराइज
रिपोर्ट में फेरबदल करते हुए एसीएआर में उत्कृष्ट लिखकर प्रमोशन का लाभ दिला दिया। भाजपा नेता ने मामले की जांच कराकर सीएमएस डा. बी.के गुप्ता के स्थानांतरण की मांग की है।
रिपोर्ट-=आयुष साहू