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वाहनों में बज रहे अश्लील व दिलफेंक फेक गाने से महिलाये,छात्राये असहज:रि.-उदय एन.कुशवाहा

वाहनों में बज रहे अश्लील व दिलफेंक फेक गाने से महिलाये,छात्राये असहज:रि.-उदय एन.कुशवाहा

झाँसी \ जनपद / जिले की सभी मुख्य सड़कों पर चलने वाली बसों टेंपो जीप एवं अन्य सवारी वाहनों में लगातार अश्लील गाने बजाए जाते हैं l जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है सवारी वाहन चालक परिवहन विभाग के नियमों के प्रतिकूल वाहन चलाते हैं लेकिन कभी कोई कार्यवाही नहीं की जाती l बस एवं टेंपो स्टैंड पर तो हम अश्लील गानों के माहौल हो से और निम्न स्तरीय गानों के बजने से परिवार के साथ सफर कर रहे लोगों को काफी परेशानी होती है l जिले के यात्री वाहनों में आजकल शीला की जवानी और मुन्नी बदनाम होने बंद हो चुकी है अब तो कुंडी ना खटकाओ राजा सीधे अंदर आओ राजा जैसे दिलफेंक अश्लील व फूहड़ बज रहे हैं जिससे बस जीप टेंपो में बैठी महिला सवारियों को शर्मसार होना पड़ रहा है l जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सवारी वाहनों में यात्रियों के अनुमति के बिना गाने नहीं बजा जा सकते l यात्री वाहन चालक ना सिर्फ मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं बल्कि अश्लीलता की सारी हदें पार कर रहे हैं जिले में चल रहे अधिकतर यात्री वाहनों में अवैध म्यूजिक सिस्टम लगे हुए हैं जीप तथा ऑटो में जैसे ही महिला सवारी आकर बैठती है ड्राइवर गाने बजाना शुरू कर देते हैं अश्लील बर्थ डबल मीनिंग के गानों की आड़ में ड्राईवर महिला सवारियों से एक तरह की बदसलूकी कर रहे हैं विरोध करने पर कई बार ड्राइवर अभद्रता करने लगते हैं l सबसे अधिक मामले गर्ल्स कॉलेज के आसपास देखने को मिलते हैं कॉलेज आने जाने वाली छात्राओं को ड्राईवर अपने बगल में बैठा कर अश्लील गाने बजाना शुरू कर देते हैं l ऑटो व टेंपो में महिला तथा छात्राओं के साथ छेड़खानी के कई मामले सामने आ चुके हैं कई मामलों में महिला सवारियों ने ऑटो से खुलकर अपनी जान व इज्जत बचाई है फिर भी ड्राइवरों की अश्लील हरकतों पर लगाम नहीं लगाई जा रही है जिले में ना तो ड्राइवर यूनिफार्म पहने नजर आते हैं ना ही वह अपना आई कार्ड साथ लिए रहते हैं यात्री वाहनों में गाना बजाने से ड्राइवरों का ध्यान भटक जाता है और दुर्घटना होने का खतरा हमेशा बना रहता है वहीं पीछे से आ रहे वाहन पास लेने के लिए हॉर्न देते रहते हैं और ड्राइवर म्यूजिक सुनने में मस्त रहते हैं जिससे दुर्घटना की संभावना 4 गुना बढ़ जाती है लेकिन पुलिस द्वारा कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है l

neeraj sahu

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