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धूमधाम से मनाया गया भगवान बाल्मीकि का प्रकटोत्सव:रिपोर्ट-=आयुष साहू

झाँसी | जनपद में आज में वाल्मीकि जयंती श्रद्धा-भक्ति एवं हर्षोल्लास से मनाई गयी। वाल्मीकि मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। इस अवसर पर आज झाँसी नगर निगम से भगवान बाल्मीकि की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी | जिसमे झांकियों के साथ भक्तगण उनकी भक्ति में नाचते, गाते और झूमते हुए आगे बड़े। इस अवसर पर ना केवल महर्षि वाल्मीकि बल्कि श्रीराम के भी स्वरूप शोभायात्रा में देखने को मिले। शोभायात्रा नगर निगम से इलाइट चौराहा से विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस नगर निगम परिसर में समाप्त हुई | उसके पश्चात भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया | जिसमे समस्त समाज उपस्तिथ रहा |

महर्षि वाल्मीकि ने अपनी विख्यात रचना महाग्रंथ रामायण के सहारे प्रेम, तप, त्याग इत्यादि दर्शाते हुए हर मनुष्य को सद्भावना के पथ पर चलने के लिए मार्गदर्शन दिया है। इसलिए उनका ये दिन एक पर्व के रुप में मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के घर में हुआ। महर्षि वाल्मीकि के भाई महर्षि भृगु भी परम ज्ञानी थे। महर्षि वाल्मीकि का नाम उनके कड़े तप के कारण पड़ा था। एक समय ध्यान में मग्न वाल्मीकि के शरीर के चारों ओर दीमकों ने अपना घर बना लिया। जब वाल्मीकि जी की साधना पूरी हुई तो वो दीमकों के घर से बाहर निकले। दीमकों के घर को वाल्मीकि कहा जाता हैं इसलिए ही महर्षि भी वाल्मीकि के नाम से प्रसिद्ध हुए।

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