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बिजली की अधाधुंध कटौती से परेशान जनता उतरी सड़को पर, रात्रि की बिजली कटौती बंद न किये जाने पर जन आंदोलन की चेतावनी : रिपोर्ट धीरेन्द्र रायकवार

मोंठ/झाँसी – उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही सूबे के सीएम योगी आदित्य नाथ द्वारा पूरे राज्य में 20 घंटे बिधुत् आपूर्ति देने का वादा था, योगी सरकार की ओर से कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 20 और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली आएगी। इस बात का ऐलान 11 अप्रैल को दूसरी कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद किया गया था। तबसे लेकर कई बार सरकार द्वारा यह बात दोहराई जा चुकी है लेकिन बिजली व्यवस्था जस की तस बनी हुई है, फिलहाल ऐ कह पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि सरकार द्वारा किए गए वादे कितने सच कुछ ऐसा ही हाल है झाँसी जनपद के तहसील मुख्यालय मोंठ का जहाँ 20 घंटे बिधुत् आपूर्ति देने का वादा सरकार ने किया था जिसकी सच्चाई आज जब देखने को मिली जब सत्ताधारी दल के नेताओं को बिजली की समस्या को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा और जनता के साथ सड़कों पर उतर आयें जब इस सम्बन्ध में लोगों से बातचीत की तो लोगों ने बताया कि सरकार ने जो 20 घंटे बिजली देने का वादा किया था लेकिन जनता को सिर्फ 4 घंटे ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है, जिसको लेकर कस्बा के कुछ समाज सेवी देवेन्द्र गुसाई ने बिजली की समस्या को लेकर सामने आये और कस्बे के लोगो की समस्या को लेकर घंटों सड़क जाम किये रहें, जिसकी जानकारी मिलने पर उपजिलाधिकारी सुरेन्द्र कुमार व पुलिस क्षेत्राधिकारी आशापाल मौके पर पहुँचे और जनता की समस्या को सुनकर लोगों को  20 घंटे बिजली दिलाने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर कस्बावासिंयो ने जैम खोला ,

प्रदर्शन के दौरान लोगों का गुस्सा बिजली विभाग के खिलाफ साफ नजर आ रहा था। प्रदर्शन के दौरान विद्यालयों की छुट्टी का समय था। जाम के कारण स्कूली बच्चों एवं एम्बुलेंस को भी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद एम्बुलेंस एवं बच्चों को निकलने दिया गया। करीब डेढ़ घण्टे तक जाम लगे होने से लोगों को भी परेशानी हुयी। इस मौके पर विनय त्रिपाठी, अशोक वर्मा, आदित्य दुबे, महेन्द्र कुमार, अमित अग्रवाल, तौसीफ खां, साकेत अग्रवाल, मनीष वर्मा, देवेन्द्र साहू, श्याम गुप्ता, सिद्घार्थ लिटौरिया, राहुल सोनी सहित दर्जनों कस्बावासी मौजूद रहे ,समाजसेवी देवेन्द्र गोसांई का कहना है कि ‌यदि शीघ्र ही मांगों को पूरा नहीं किया तो जन आंदोलन किया जायेगा। अधिकारियों के कार्यालयों का घेराव कर प्रदर्शन किया जायेंगा और लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन के लिये बाध्य होंगे। 
 
रिपोर्ट 
धीरेन्द्र रायकवार मोंठ
 
 
Jhansidarshan.in

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