इनसे नहीं कोइ डर ! आखिर कौन है बुलेट बाबा और क्या है उनके चमत्कार जानिए सब कुछ….
लोक देवताओं में से एक जिन्हें सब बुलेट बाबा के नाम से जानते हैं उनका रीयल नाम ओम बन्ना है जानिए क्या है उनकी पूरी कहानी l राजस्थान के कण कण में में कण में कण में में ऐसी कथाएं समाई है जो लोक आस्था का केंद्र बन जाती है जहां मन्नत मांगने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं l राजस्थान हमेशा से ही लोक देवताओं की जन्मभूमि रहा है और इस धरती पर कहीं लोक देवताओं ने अपने चमत्कार पी किए हैं । उन्हीं ऐसे ही आस्था का एक केंद्र पाली से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लोग इसे ओम बन्ना का मंदिर या बुलेट मंदिर के नाम से जानते हैं मंदिर से जुड़ी ऐसी बहुत सी कहानियां हैं जिन्हें लोग काफी उत्साह से बताते हैं । करीब 30 साल पुरानी बात है 23 साल के युवक ओम सिंह राठौड़ 2 दिसंबर 1988 को इनफील्ड बुलट पर सवार होकर अपने ससुराल बगड़ी पर सवार होकर अपने ससुराल बगड़ी सांडेराव से अपने गांव चोटिला जा रहे थे उनकी बुलेट एक पेड से जा टकराई और मौके पर ही ओम बन्ना का देहांत हो गया कहां जाता है कि इस दुर्घटना के बाद पुलिस बाइक लेकर थाने पहुंची दूसरे दिन पुलिसकर्मियों को बाइक थाने में नहीं मिली । उन्होंने खूब ढूढा और वह ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंचे जहां पर एक्सीडेंट हुआ था बाइक वही पर खड़ी थी पुलिस ने बाईक वापस थाने में लाकर खड़ी कर दी और इस बार पुलिस ने बाइक को एक चैन से लाँक कर दिया और उसका पेट्रोल निकाल दिया उसके बाद एक बार फिर बाइक गायब हो गई और वही मिली जहां पर वह दुर्घटना हुई थी ऐसा कई बार हुआ यह सब देखने के बाद ग्रामीण और पुलिसकर्मियों ने ग्रामीण और पुलिसकर्मियों ने इसे चमत्कार मान लिया पाली जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौजूद वह स्थान जहां पर ओम बन्ना का एक्सीडेंट हुआ था अब मंदिर बन चुका है कहा जाता है की देहांत के बाद ओम बन्न ने अपनी दादी के सपनों में आकर दुर्घटनास्थल पर पूजा स्थल बनाने की बात कही थी मान्यता है लोग कहते हैं कि इस मार्ग पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती थी । लेकिनपिछले कुछ सालों में इसमें काफी कमी आई है मंदिर मैं ओम बन्ना की पुण्यतिथि मार्ग शीघ्र की कृष्ण पक्ष अष्टमी को मेला भरता है भरता है यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और मनौतियां मांगते हैं ओम बन्ना की इनफील्ड बुलेट को एक शीशे का आवरण में आज भी मंदिर में रखा गया है जो लोगों की आस्था का केंद्र है और सड़क सुरक्षा का संदेश देती है । आई होप आप सभी पाठकगण को यह लेख पसंद आया होगा । स्थानीय लोग मानते हैं कि ओम बन्ना की पवित्र आत्मा आज भी लोगों को अपनी मौजूदगी का अहसास कराती है। बुलेट बाबा की चर्चा इतनी है कि इस थाना क्षेत्र में नए ज्वाइन करने वाले प्रभारी भी यहां माथा टेककर ही ज्वाइन करते हैं । यह स्थान पाली-जोधपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित है। यहां ओम बन्ना की बुलेट मौजूद है, जिसे एक चबुतरे पर मंदिर बना कर रखा गया है । यहाँ दिन-रात जोत जलती रहती है और ग्रामीण नारियल ,फूल, दारू आदि चढ़ावा चढ़ाते है ।