दावेदारों की दिल्ली–लखनऊ की दौड़ न आई काम, दरबार हाजिरी भी रही बेअसर
उर्विजा दीक्षित के सिर एक बार फिर सजा भाजपा जिलाध्यक्ष का ताज
जिलाध्यक्ष पद के लिए मचे जोरदार राजनीतिक घमासान के बीच पार्टी ने एक बार फिर उर्विजा दीक्षित पर भरोसा जताते हुए उन्हें जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप दी।
लगातार सक्रियता, बेदाग छवि, संगठनात्मक मजबूती और कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ के चलते पार्टी हाईकमान ने दोबारा उर्विजा को ही कमान देने का फैसला किया।
उधर, पद की उम्मीद लगाए बैठे दावेदारों की दिल्ली और लखनऊ तक की दौड़ तथा बड़े नेताओं के दरबार में लगी हाजिरियां भी किसी काम न आईं।
सभी दावेदारों के अरमान अंततः आंसुओं में बह गए।
15 सितंबर 2023 को पहली बार जिलाध्यक्ष बनीं उर्विजा ने अपने कार्यकाल में जमीन स्तर पर मजबूत पकड़, अनुशासन और कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की पहचान बनाई।
यही कारण रहा कि पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका देकर विश्वास जताया।
उर्विजा दीक्षित की पुनर्नियुक्ति की खबर मिलते ही युवा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और जगह–जगह मिठाई बांटकर जश्न मनाया गया।