ये उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है? धड़ाधड़ अंबेडकर की मूर्तियां क्यों तोड़ी जा रही हैं? क्या कोई अभियान चल रहा है? ये कौन चला रहा है? कोई कुछ बोल क्यों नहीं रहा है?
कुछ घटनाएं देखिए👇
मैनपुरी में अराजक तत्व बाबा साहेब की प्रतिमा जेसीबी से उखाड़ ले गए।
दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ दी गई
सुल्तानपुर के मोतिगरपुर में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (24 अप्रैल)
माधौगढ़, जालौन में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (24 अप्रैल)
कुशीनगर में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (22 अप्रैल)
सोनभद्र के कम्हरिया में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (20 अप्रैल)
आगरा के अंबेडकर पार्क में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (20 अप्रैल)
हरदोई में अंबेडकर और बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़े जाने के बाद तनाव (16 अप्रैल)
गाजीपुर के पांडेयपुर राधे अरखपुर गांव में अंबेडकर जयंती पर उनकी प्रतिमा तोड़ दी गई (14 अप्रैल)
अंबेडकर जयंती पर आजमगढ़ के जहानागंज क्षेत्र में तोड़ दी अंबेडकर की मूर्ति (14 अप्रैल)
दो हफ्ते पहले हाथरस के सादाबाद में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई
मांडा, प्रयागराज में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई (2 अप्रैल)
हाथरस में 24 घंटे में अंबेडकर की तीन प्रतिमाएं तोड़ी गईं (1 अप्रैल)
हाथरस के गांव आरती में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त की (10 फरवरी)
हाथरस के बबूलगांव और मिरगामई में अंबेडकर की मूर्तियां तोड़ी गईं (21 मार्च)
हर महीने ऐसी दर्जनों घटनाएं हो रही हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर बवाल के बाद प्रशासन ने मरम्मत भी कराई या नई मूर्ति लगाई। लेकिन सवाल है कि ऐसा हो क्यों रहा है?
(ये सारी खबरें मीडिया में छपी हैं। छपने की तारीख सामने लिखी है। तस्वीर आजमगढ़ की है। प्रतिमा तोड़े जाने के बाद यह 10 मार्च को डेक्कन हेराल्ड में छपी थी।)