जालौन :० ब्लॉक कोंच के ग्राम सतोह में आज ऐतिहासिक पहल देखने को मिली जब प्राचीन नून नदी के उद्गम स्थल से उसके पुनर्जीवन की दिशा में एक बड़े जनसहयोग के साथ श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पुनीत कार्य का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में माधौगढ़ विधायक मूलचंद सिंह निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक जालौन डॉ. दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान सहित सैकड़ों अधिकारी, जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य नून नदी को उसके पुराने स्वरूप में पुनः जीवित करना था, जो वर्षों से लुप्त होती जा रही थी। नदी के सूखने से क्षेत्र के किसान लंबे समय से सिंचाई संकट का सामना कर रहे थे। लेकिन अब नून नदी के अस्तित्व में आने से किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल सकेगी और क्षेत्र की हरियाली व समृद्धि को बल मिलेगा।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस अवसर पर कहा, “नदियां केवल जल का स्रोत नहीं, हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर भी हैं। इन्हें संजोना और पुनर्जीवित करना हम सभी का दायित्व है। सरकार जनभागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण और पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।” जब समाज और शासन साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। नून नदी का पुनर्जीवन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल स्रोत सुनिश्चित करने की ओर भी बड़ा प्रयास है। उन्होंने आवाहन करते हुए कहा कि सभी लोग समय निकालकर श्रमदान अवश्य करें जिससे अपने मूल स्वरूप में नून नदी वापस आ सके।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जानकारी दी कि नून नदी अपने उद्गम स्थल से ही विलुप्त हो गई है । नदी उद्गम क्षेत्र में सिल्ट भर जाने से नून नदी का अस्तित्व उद्गम स्थल से समाप्त हो गया है। विभिन्न नालों के मिट जाने से नदी का जीवन नहीं रह गया था। अब जान भागीदारी से उक्त नून नदी का पुनर्जीवन कार्य श्रम दान एवं सीएसआर के द्वारा एवं विभिन्न स्वैक्षिक संगठनों के प्रयास से किया जा रहा है। सिचाई बिभाग एवं लघु सिंचाई विभाग की तकनीकी सहायता और आम जन मानस की सक्रिय सहभागिता से उक्त कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। यह नदी 47 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 87 किलोमीटर के दायरे में बहती है। इसके पुनर्जीवित होने से लगभग 15,351 किसानों और 2780 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण यह नदी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन अब प्रशासन और जन भागीदारी के संयुक्त प्रयासों से इसे फिर से जीवन देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। नून नदी के पुनर्जीवन की यह मुहिम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल बनेगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल स्रोत भी सुनिश्चित करेगी। उक्त कार्य जल संरक्षण में जन भागीदारी का एक अप्रतिम उदाहरण बन कर उभर रहा है।
उद्गम स्थल सतोह से नून नदी के पुनर्जीवन हेतु मंत्री, जल शक्ति विभाग (सिंचाई एवं जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण परती भूमि विकास, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) उ०प्र० स्वतंत्र देव सिंह, माधौगढ़ विधायक मूलचंद सिंह निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, ब्लाक प्रमुख कोंच, जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद सिंह चौहान आदि सहित जनपद के अधिकारी/कर्मचारी जनप्रतिनिधि व हज़ारों की संख्या में आम नागरिकों ने श्रमदान किया।