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गांजा, अफीम, सहित अन्य मादक पदार्थों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। जिले का युवा वर्ग नशे की चपेट में आकर बर्बाद हो रहा है।

गांजा, अफीम, सहित अन्य मादक पदार्थों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। जिले का युवा वर्ग नशे की चपेट में आकर बर्बाद हो रहा है।

 

समथर मे मादक पदार्थ के इस कारोबार पर पुलिस लगाम लगाने में असफल साबित हो रही है। अब तो यहां नशे की होम डिलीवरी भी शुरू हो गई है। एक कॉल करने के लगभग 20 मिनट बाद माल बताई जगह पर पहुंच जाता है। समथर में व आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में मादक पदार्थ की बिक्री चरम पर है। देशी गांजा हो या चपाड़ा, गांवों से 50 से 60 रूपए रेट पर पुड़िया सप्लाई हो रही है। इसके लिए भी पीने वाले को बस एक कॉल कर ब्रांड बताना पड़ता है।दस से 20 मिनट में बताए गए पते पर देसी और चपरा गांजा की सप्लाई दी जाती हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि कारोबार से जुड़े गिरोह ने शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले और बेरोजगार युवाओं को अपना एजेंट बना लिया हैं। गांजा पहुंचाने पर ढाई सौ से लेकर पांच सौ रुपये मिल जाते हैं। ऊपर से पीने के लिए फ्री। धंधे से जुड़े एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसा नहीं कि पुलिस को इस धंधे की भनक नहीं है।

मादक पदार्थ बेचने वालों को पकड़ लिया तो जाता है लेकिन दलालों और कमीशन बंधा लोगों के द्वारा सांठगांठ कर छोड़ दिया

संबंधित पुलिस थाना में कमीशन बंधा हुआ है। जब पुलिस पर धरपकड़ का दबाव आता है तो मादक पदार्थ बेचने वालों को पकड़ लिया तो जाता है लेकिन दलालों और कमीशन बंधा लोगों के द्वारा सांठगांठ कर छोड़ दिया जाता है पूरा धंधा सेटिंग से चलता है।

इनकी बड़ रही तादाद

गांजा अफीम पीने वालों बढ़ी तादाद
इन दिनों इंजेकशन की तादाद में काफी वृद्धि हुई है। यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसका नशा
करने वाले स्वयं इस धंधे में लिप्त हो रहे हैं ताकि उनके नशे की पूर्ति होती रहे। आए दिन नशे की लत में एक नया युवा जुड़ रहा है।

मध्य प्रदेश से जुड़ी सीमा का लाभ ले रहे

मध्य प्रदेश की सीमा से जुड़ना है मुफीद समथर कस्बा व ग्रामीण क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की तस्करी का मुख्य कारण यह भी है कि ये जिला मध्य प्रदेश सीमा से सटा हुआ है। मध्य प्रदेश से गांजा, अफीम व चूरापोस्त समथर में लाई जाती है।यहां से इसे ग्रामीण में सप्लाई कर दिया जाता है। इसके अलावा हेरोइन, नशीली दवा व गांजे की तस्करी भी खूब हो रही है। सबसे ज्यादा हालत करही , लोहागढ़, खुजा, समथर कस्बा व साकिन क्षेत्र की खराब है।

कस्बा बना नशीली दवाओं और इंजेक्शन के कारोबार का अड्डा

कस्बा में तो नशीली दवाइयों और इंजेक्शन के कारोबार के अड्डे बन गए हैं। समय रहते नकेल नहीं कसी गई तो नशे के गिरफ्त में आने वाले युवाओं की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।
नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस का जी-जान से प्रयास जारी है। लेकिन पकड़े नहीं जाना सवाल बना हुआ है

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