*किसान बिल के विरोध में गल्ला मंडी बन्द होने से मजदूर भुखमरी की कगार पर :-रिपोर्ट-रविकांत द्विवेदी, जालौन*
Gramin editor, krishnakumar
जालौन-किसान विल के विरोध में पिछले पांच दिनों से गल्ला मंडी बंद होने से पल्लेदार भुखमरी की कगार पर पहुँच गये है। व्यापारियों और सरकार के बीच चल रही रस्साकसी के बीच में मजदूर पिस रहे है। मजदूरों के मुताबिक उनके पास गल्ला मंडी में पल्लेदारी करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। और पिछले पांच दिनों से लगातार गल्ला मंडी बंद होने से परेशान हैं और भुखमरी की कगार पर है। एक तरह से अगर देखा जाए तो इन मज़दूरो व पल्लेदारों का कसूर क्या है। ये लोग तो रोज यही आशा लिए गल्ला मंडी में आते हैं कि शायद आज़ कोई हल निकलेगा और काम शुरू होगा तो उन्हें भी काम मिलेगा और घर गृहस्थी का सामान लेकर अपने परिवार के सदस्यों के बीच सुकून से भर पेट भोजन करेंगे। इस संबंध में जब मीडिया ने मंडी सचिव से बात की तो उन्होंने कहा कि जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय होगा और फिर से काम पर मजदूर लौटेंगे। मंडी समिति की आय के बारे में जानकारी दी गई कि पांच दिन में लगभग 4 लाख रुपए मंडी शुल्क का नुक़सान हुआ है।